Sakat Chauth 2023 Date: संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना के लिए रखा जाने वाला व्रत सकट चौथ 21 जनवरी को मनाया जाएगा. हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर सकट चौथ का व्रत रखा जा जाता है. सकट व्रत को संकष्टी चतुर्थी, तिलकुट और माघी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. इस व्रत में महिलाएं सुबह से व्रत रखते हुए शाम के समय भगवान गणेश की पूजा करती है फिर उसके बाद चंद्रमा के दर्शन कर, अर्घ्य देकर व्रत का पारण करती हैं. इस बार यानी सकट चौथ 2023 कब है, शुभ मुहूर्त और नियम जान लें.
सकट चौथ मंगलवार, जनवरी 10, 2023 को
सकट चौथ के दिन चंद्रोदय – 08:41 शाम
चतुर्थी तिथि प्रारंभ – 10 जनवरी 2023 को दोपहर 12:09 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त – 11 जनवरी 2023 को दोपहर 02:31 बजे
धार्मिक मान्यता के अनुसार इस व्रत को करने से संतान के ऊपर आने वाली सभी प्रकार की बाधाएं और कष्ट दूरहोती हैं. सकट व्रत के दौरान मांगी जाने वाली सभी मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती है. लेकिन सकट चतुर्थी का व्रत रखते हुए महिलाएं को कुछ खास बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए. जानें सकट चौथ के दिन भूल से भी कौन से कार्य नहीं करने चाहिए.
हिंदू धर्म में किसी भी तरह के शुभ कार्य या धार्मिक अनुष्ठान के समय काले रंग के कपड़े पहनना अशुभ माना गया है. ऐसे में 21 जनवरी को सकट व्रत करते समय महिलाएं भूलकर भी काले रंग के कपड़े न पहनें. सकट व्रत की पूजा के दौरान माताएं पीले या लाल रंग के कपड़े पहनें. ये रंग शुभता के प्रतीक होते हैं.
सकट चौथ का व्रत और पूजा-उपासना में भगवान गणेश की पूजा करने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य दी जाती है. ऐसे में जल में चावल और दूध मिलाकर ही चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए. साथ ही एक बात का विशेष ध्यान रखें कि जब आप चंद्रमा को अर्घ्य दे तो आपके पैरों में जल के छींटे न पड़ें.
सकट चौथ में भगवान गणेश की पूजा करने के लिए तुलसी के पत्तों का प्रयोग कभी नहीं करना चाहिए. भगवान गणेश को दूर्वा घास बहुत ही प्रिय होती है ऐसे में उनकी कृपा पाने के लिए सकट चौथ पर पूजा के दौरान गणेश को दूर्वा घास अवश्य ही अर्पित करें.
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सकट चौथ व्रत तभी पूरा होता है जब भगवान गणेश की पूजा करने के बाद चांद के दर्शन करते हुए उन्हें अर्घ्य दिया जाता है. ऐसे में व्रत करने वालील महिलाएं भूलकर भी चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित किए बिना व्रत न खोलें.