बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शनिवार को कहा कि भाजपा पिछड़ा, गरीब और दलित विरोधी है और वह शुरू से ही जाति गणना का विरोध कर रही है. शनिवार को तेजस्वी ने कहा कि भाजपा के विरोध के बाद भी नीतीश कुमार ने राजद की उस मांग को जरूरी समझा और इसकी शुरुआत हो गयी है. जाति गणना के बहाने भाजपा को निशाने पर लेते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि भाजपा नहीं चाहती थी कि जाति गणना हो.
केंद्र में यूपीए की सरकार के दौरान ही लालू प्रसाद ने उठायी थी मांग
डिप्टी सीएम ने कहा कि जब देश में यूपीए की सरकार थी और डाॅ मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे तब लालू प्रसाद ने उनसे यह मांग की थी. उस समय मनमोहन सिंह सरकार ने जाति आधारित सर्वेक्षण कराया था, लेकिन बाद में जब केंद्र में भाजपा की सरकार आयी तो उस रिपोर्ट को करप्ट बताकर खत्म कर दिया. ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ी पहल की है.
जाति गणना विकास की दिशा में बड़ा बदलाव लायेगा: तेजस्वी
जाति गणना को जरूरी बताते हुए तेजस्वी ने कहा कि इस समाज में जो अंतिम पायदान पर है, वह मुख्य धारा में आ जायेगा. जब समाज के सभी वर्गों के लोगों के बारे में सही वैज्ञानिक डेटा आ जाएगा, तब उस अनुरूप उन वर्गों के उत्थान के लिए काम किया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि समाज में सबसे कमजोर और पिछड़ा रहेगा उसे टारगेट करके उनकी बेहतरी के लिए काम हो सकेगा. राज्य में विकास की दिशा में यह बड़ा बदलाव लायेगा. भाजपा इसी से डरी हुई है.
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भाजपा के लोग घबराए हुए: तेजस्वी
तेजस्वी ने कहा कि भाजपा के लोग घबराए हुए हैं. यही कारण है कि भाजपा ने हमेशा ही जातीय जनगणना का विरोध किया है. यहां तक कि जब राजद की मांग पर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर देश स्तर पर जाति जनगणना की मांग की तो भाजपा सरकार ने संसद में ही इसे नकार दिया.