इंटरनेट के अत्यधिक इस्तेमाल की वजह से बच्चों और युवा वर्ग में कई तरह के विकार उत्पन्न हो रहे हैं. इंटरनेट की लत (Internet Addiction) की वजह से बच्चों के साथ-साथ युवाओं को भी कई तरह की मानसिक समस्याएं घेर रहीं हैं. इन समस्याओं पर अब गहन अध्ययन होगा. झारखंड की राजधानी रांची के कांके स्थित प्रसिद्ध केंद्रीय मन:चिकित्सा संस्थान (सीआईपी) ने फोरम फॉर लर्निंग एंड एक्शन विद इन्नोवेशन एंड रिगर (फ्लेयर) के साथ समझौता किया है.
शनिवार (7 जनवरी 2023) को रांची स्थित केंद्रीय मनःचिकित्सा संस्थान (CIP) और फोरम फॉर लर्निंग एंड एक्शन विद इन्नोवेशन एंड रिगर (Forum for Learning and Action with Innovation and Rigour – FLAIR) ने एमओयू पर हस्ताक्षर किया. इसके तहत बच्चों एवं युवा वर्ग में इंटरनेट के अत्यधिक उपयोग के कारण होने वाले विकार, लत एवं इससे संबंधित मानसिक समस्या पर सघनता से अध्ययन किया जायेगा.
एमओयू में वर्णित साझा कार्यक्रम के अनुसार, CIP के साथ मिलकर FLAIR झारखंड के स्कूलों एवं कॉलेजों में इंटरनेट सुरक्षा और इससे संबंधित मानसिक स्वास्थ्य के विषय पर आउटरीच कर जागरूकता, काउंसलिंग, रेफरल इत्यादि पर विशेष रूप से काम किया जायेगा. सरकार के साथ मिलकर इससे संबंधित शोध पर भी काम किया जायेगा.
Also Read: CIP रांची में इन पदों लिए निकली वैकेंसी, जानें आवेदन की पूरी प्रक्रिया और कौन कौन से दस्तावेज हैं जरूरी
FLAIR पूरे भारत में खासकर दिल्ली-एनसीआर एवं झारखंड में इंटरनेट के सकारात्मक उपयोग तथा इससे जुड़ी सुरक्षा, एडिक्शन, कानूनी जागरूकता, तकनीकी सुरक्षा इत्यादि पर बच्चों एवं युवा वर्ग के बीच काम कर रहा है. केंद्रीय मनःचिकित्सा संस्थान की ओर से निदेशक प्रो (डॉ) बासुदेब दास एवं FLAIR की ओर से एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर अजय कुमार सिन्हा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किया.
इस कार्यक्रम में केंद्रीय मनःचिकित्सा संस्थान के एसोसिएट प्रोफेसर साइकिएट्री डॉ सौरभ खानरा एवं डॉ निशांत गोयल तथा FLAIR के रीजनल डायरेक्टर नीरज सिन्हा, SHICAA की ओर से अमित कुमार (मैत्री मंच) एवं प्रमोद कुमार (जन सहभागी विकास केंद्र) उपस्थित थे. इस अवसर पर एम्स, नयी दिल्ली के डॉ यतनपाल सिंह बलहारा एवं निम्हांस, बेंगलुरु के डॉ मनोज शर्मा विशेष रूप से उपस्थित थे.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.