Gorakhpur News: पुलिस महानिदेशक अग्निशमन व आपातकाल सेवा अविनाश चंद्र ने गोरखपुर के एनेक्सी भवन में परीक्षेत्र के विभिन्न प्रतिष्ठानों के व्यापारियों के साथ अग्नि सुरक्षा जन जागरूकता को लेकर संवाद किया. इस दौरान स्कूलों के संचालकों, मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष और सदस्य तथा गीडा के अधिकांश उद्योगों के प्रतिनिधियों व व्यापारियों द्वारा अग्नि सुरक्षा से संबंधित अपनी समस्याओं के बारे में बताया.
जिसको लेकर महानिदेशक अग्निशमन अविनाश चंद्र ने इसके सुझाव को लेकर चर्चा की तथा उनके द्वारा वहां मौजूद सभी लोगों को उनकी समस्याओं के समाधान हेतु निर्देशित भी किया गया. इस दौरान उन्होंने आपात सेवा अधिनियम 2022 न्यू फायर बिल के संबंध में उन लोगों को अवगत भी कराया. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि गोरखपुर में फायर प्रीवेंशन और फायर सेफ्टी के बारे में संवाद कार्यक्रम किया गया.
इसमें गीडा और इंडस्ट्रियल एरिया के सारे इंडस्ट्रियलिस्ट आए थे. होटल के मालिक और उनके सदस्य भी आए थे. लोगों ने अपनी बात बताई और फायर सेफ्टी के बारे में सभी को बताया गया. आग लगने का एक प्रमुख कारण निकल कर सामने आया और वह है इलेक्ट्रिक शॉर्ट सर्किट.
अविनाश चंद्र ने गोरखपुर वासियों से अनुरोध किया कि वह लोग अपने घरों की इलेक्ट्रिक वायरिंग की ऑडिट करवा लें और अगर उनके घर के तार टूट हो गए हैं तो उसको बदलवा दें. क्योंकि अधिकतर आग इलेक्ट्रिक शॉर्ट सर्किट से लगते हैं. जो मकान आज से 30–40 साल पहले के बने हैं और जहां पहले एक पंखा, एक कूलर, कुछ लाइटें जलती थी, आज टीवी, फ्रिज, एसी, ब्लोअर, हीटर बढ़ गए हैं. इसके बारे में जागरूकता बहुत जरूरी है कि वह क्षमता के हिसाब से तार और मीटर चेंज कराएं.
जाड़े के समय में बंद कमरे में हीटर, ब्लोअर या कोयला जलाकर न सोए. क्योंकि उससे कार्बन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड पैदा होती है. जो आग से भी ज्यादा घातक होती है. ऐसी कई दुर्घटना पहले भी हो चुकी हैं जहां लोग बंद कमरे में कोयला जलाकर सोए हैं और सुबह मृत अवस्था में मिले हैं. एलपीजी से जो घटनाएं होती हैं उनके सुरक्षा के लिए गैस सिलेंडर की पाइप और रेगुलेट अगर सही नहीं है तो उन्हें बदल दें.
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अविनाश चंद्र ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि नई फायर एक्ट हमारे कोर्स में आ गयी है. मुख्यमंत्री ने इसे लागू करवा दिया है. जिसमें फायर सेफ्टी और फायर प्रोविजन के बहुत सारे प्रावधान हैं. आज के संवाद में इमरजेंसी रिस्पांस में भी फायर डिपार्टमेंट को जिम्मेदारी दी गई है. अगर कोई बिल्डिंग कोलेप्स हो जाती या ट्रेन एक्सीडेंट हो जाता है उसमें फर्स्ट रिस्पांडर के रूप में हम लोग और लोकल पुलिस पहुंचते हैं.
इसमें हम लोग सब को प्रशिक्षित करेंगे कि कैसे लोगों की जान बचाई जा सके. मुख्यमंत्री का निर्देश है कि अगले कुछ सालों में ब्लॉक स्तर तक हम लोग फायरस्टेशन को खोलेंगे. अभी हमारे पास तहसील स्तर तक फायर स्टेशन है. यूपी में 350 तहसीलें हैं, 350 फायर स्टेशन हमारे फंक्शन कर रहे हैं. प्रदेश में 830 ब्लॉक हैं. अगले कुछ वर्षों में हम लोग ब्लॉक स्तर पर भी फायर स्टेशन खोलेंगे. हम लोग हर ब्लाक स्तर पर फायर वालंटियर बना चुके हैं. फायर प्रीवेंशन के बारे में बहुत सारे वीडियो यूट्यूब पर पड़े हुए हैं.
रिपोर्ट –कुमार प्रदीप ,गोरखपुर