BCCI Meeting: भारत के घरेलू सत्र के मीडिया अधिकार धारक स्टार इंडिया ने बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) से मौजूदा सौदे में 130 करोड़ रुपये की ‘छूट’ की मांग की है, जबकि जर्सी प्रायोजन से बाहर हो रहा बायजूस (BYJU’s) चाहता है कि बोर्ड वर्तमान समझौते के तहत उसकी 140 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी को भुना ले. बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारियों ने सोमवार को शीर्ष परिषद की आपात बैठक में दोनों विषयों पर एक घंटे से अधिक समय तक चर्चा की. यह एक वर्चुअल मीटिंग (ऑनलाइन बैठक) थी.
बायजूस ने नवंबर में बीसीसीआई को सूचित किया था कि वह भारतीय क्रिकेट टीम के जर्सी प्रायोजन से बाहर निकलना चाहता है. बोर्ड ने हालांकि इस एडटेक कंपनी को कम से कम मार्च 2023 तक करार जारी रखने के लिए कहा था. बायजूस ने जून में लगभग 35 मिलियन डॉलर (लगभग तीन अरब रुपये) के साथ जर्सी प्रायोजन समझौते को नवंबर 2023 तक बढ़ा दिया था. इसमें बीसीसीआई को 140 करोड़ रुपये बैंक गारंटी के माध्यम से भुगतान किए जाने हैं जबकि शेष 160 करोड़ रुपये किश्तों के माध्यम से भुगतान किए जाएंगे.
बीसीसीआई से जुड़े एक सूत्र ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘इस बैठक में केवल बायजूस और स्टार इंडिया के मुद्दों पर चर्चा हुई, लेकिन इसमें भी एक घंटे से अधिक का समय लगा. यह एक गंभीर मुद्दा है जिसमें लाखों डॉलर का मामला था इसलिए इसमें समय लगना स्वाभाविक था.’ बायजूस फीफा विश्व कप के प्रायोजकों में से एक था. उसने मार्च तक कंपनी को मुनाफे में लाने के लिए अपने 50,000 कर्मचारियों में से ढाई हजार की छंटनी करने की घोषणा की है.
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यह भी पता चला कि बैठक में स्टार ने मौजूदा सौदे में लगभग 130 करोड़ रुपये की ‘छूट’ मांगी है. उसने 2018-2023 की अवधि के लिए भारत के अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट अधिकारों के लिए 6138.1 करोड़ रुपये का भुगतान किया था. करार की अवधि के कुछ मैचों को कोविड-19 महामारी के कारण पुनर्निर्धारित करना पड़ा. सूत्र ने कहा, ‘इस मुद्दे पर लंबी चर्चा हुई लेकिन बोर्ड ने अभी तक अंतिम फैसला नहीं लिया है.’ इस बारे में स्टार इंडिया से प्रतिक्रिया के लिए संपर्क किया गया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.
इस उद्योग से जुड़े एक सूत्र ने कहा, ‘स्टार ने बीसीसीआई से सिर्फ यह कहा है कि बोर्ड करार के अनुसार रकम ले. जिन मैचों को 2020 में नहीं खेला जा सका और उसका आयोजन 2022 में हुआ, उन मैचों के लिए 2020 की दर से भुगतान हो. ऐसे में यह कहना कि स्टार ने ‘छूट’ की मांग है, पूरी तरह से भ्रामक है.’ यह मामला ऐसे समय में उठा है जब बीसीसीआई का मौजूदा करार मार्च में समाप्त हो रहा है. बोर्ड इसके बाद अगले पांच साल के चक्र के लिए मीडिया अधिकार बेचने की तैयारी कर रहा है. आईपीएल के मीडिया अधिकारों (48390 करोड़ रुपये) को ध्यान में रखते हुए बीसीसीआई एक और अप्रत्याशित कमाई की उम्मीद कर रहा है.