उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने बिहार स्टार्ट-अप नीति के तहत एक विशेष समारोह में 19 नये स्टार्ट-अप को 84 लाख रुपये का सीड फंड बांटा. उद्योग मंत्री के मुताबिक स्टार्ट-अप नीति के तहत महिलाओं को पांच प्रतिशत से अधिक सीड फंड दिया जा रहा है. उद्योग मंत्री ने कहा कि पुरानी समस्याओं का अध्ययन नये विजन के साथ करने की जरूरत है. उनके समाधान खोजने हैं. अपने बुद्धि-विवेक और नयी तकनीक का उपयोग करते हुए कम कीमत पर अच्छी सुविधाएं देना हमारी प्राथमिकता है.
समारोह में विभागीय प्रधान सचिव संदीप पौंड्रिक, उद्योग निदेशक पंकज दीक्षित और विशेष सचिव दिलीप कुमार उपस्थित रहे. प्रधान सचिव ने कहा कि बिहार इमर्जिंग स्टार्ट-अप इको सिस्टम में देश में पहले स्थान पर है. स्टार्ट-अप को विभाग को-वर्किंग स्पेस और फैसिलिटेशन सेन्टर भी उपलब्ध कराया जा रहा है. उद्योग निदेशक पंकज दीक्षित ने कहा कि पटना में दो प्रमुख स्थानों पर को-वर्किंग स्पेस, रिसर्च एण्ड डेवलपमेन्ट लैब, कॉमन सॉफ्टवेयर एंड हार्डवेयर सुविधा, क्वालिटी एश्योरेन्स लैब, लीगल, एकाउन्टिंग, तकनीकी, पेटेन्ट, निवेश और बैंकिंग सुविधा भी दी जायेगी.
समारोह में मेडिशाला हेल्थकेयर प्रालि के अम्मानुलाह, वागा मोटर्स प्रालि के अभिमन्यु कुमार, स्पर्श लोकन कारा प्रोजेक्टस प्रालि की लक्ष्मी कुमारी एवं सभ्यता इन्टेरियर प्रालि के कुश कुमार ने भी अपने विचार रखे.
उल्लेखनीय है कि केंद्र की स्टार्ट-अप सनराइजर्स रैंकिंग में इमर्जिंग स्टार्ट-अप इको सिस्टम के कैटेगरी-‘ए’ में बिहार को पहले स्थान पर रखा है. बिहार में स्टार्ट-अप नीति के तहत 2017-22 तक अब तक 145 इकाइयों को सीड फंड दिया गया है. पिछले चार महीनों में 76 लोगों को स्टार्ट-अप के रूप में चिन्हित सीड फंड बांटा जा चुका है.
पटना में मौर्या लोक कॉम्प्लेक्स में 64 स्टार्ट-अप को 104 सीटें और फ्रेजर रोड के वित्तीय निगम भवन में स्टार्ट-अप के लिए 200 से अधिक सीटों के लिए आधुनिक कार्यालय विकसित किया जा रहा है. इन स्थानों पर उच्च स्तरीय कन्सलटेन्सी सेवा भी उपलब्ध रहेगी. मौर्यालोक फैसिलिटेशन सेंटर का संचालन चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान और फ्रेजर रोड स्टार्ट-अप फैसिलिटेशन सेन्टर का इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी करेगा.
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