ठंड के कारण स्कूलों की छुट्टी के बाद अभिभावकों की जवाबदेही बढ़ गयी है. अभी 11 जनवरी तक सभी सरकारी व निजी स्कूलों में शैक्षणिक गतिविधियों पर जिला पदाधिकारी की ओर से प्रतिबंध लगा दिया गया है. मौसम का मिजाज अभी समझ से बाहर हैं. यानी, 12 जनवरी से स्कूल खुलेंगे या छुट्टी आगे बढ़ेगी, कुछ भी तय नहीं है. ऐसे में लगातार छुट्टी का असर बच्चों की शैक्षणिक गतिविधियाें पर पड़ सकता है. निजी स्कूलों ने तो बच्चों को लर्निंग गैप से बचाने के लिए ऑनलाइन क्लास शुरू कर दी है, लेकिन असली परेशानी सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के साथ है. उनके पास इतने संसाधन नहीं हैं कि ऑनलाइन क्लास कर सकें या घर में रह कर खुद से पढ़ाई जारी रख सकें. ऐसे में अभिभावकों को सजग रहना होगा. स्कूल में शैक्षणिक कार्य बंद होने के दौरान इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे की रूटीन पर असर न पड़े.
13 मार्च से शुरू होगा वार्षिक मूल्यांकन
सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं का वार्षिक मूल्यांकन 13 से 21 मार्च तक होगा. पहले पांचवीं और आठवीं के बच्चों की परीक्षा होगी. बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने परीक्षा का शेड्यूल जारी कर दिया है. उसी के आधार पर परीक्षा होनी है. पांचवीं व आठवीं कक्षा की परीक्षा होगी और उत्तर पुस्तिकाओं की जांच दूसरे विद्यालय में होंगे. परीक्षा के बाद स्कूलों में 31 मार्च को शिक्षक-अभिभावक गोष्ठी होगी. इसमें बच्चों के प्रदर्शन पर चर्चा होगी. ऐसे में तैयारी प्रभावित हुई, तो रिजल्ट भी बिगड़ेगा.
बंदी के दौरान छात्र हित में प्रशिक्षकों शिक्षकों की भी ली जा सकती है मदद
कोविड-19 के दौर ने बहुत सारी क्षति पहुंचायी, लेकिन ऑनलाइन माध्यम से काम करने का प्रचलन भी दिया. लोग अपने महत्वपूर्ण कार्य शिक्षण आदि ऑनलाइन करने लगे, तो दूसरी तरफ डिजिटल डिवाइड ने फिर वंचित वर्ग के लिए एक खाई उत्पन्न की. प्राइवेट स्कूल पढ़ाई की गति ऑनलाइन माध्यम से सुचारू रखने की कोशिश कर रहे थे, तो हमारा सरकारी स्कूली तंत्र तकनीकी कमियों से जूझ रहा था. अभी जब भीषण ठंड के कारण स्कूल बंद करने पड़े हैं, तो प्राइवेट स्कूल ऑनलाइन कक्षा संचालन कर छात्रों का सिलेबस समय पर पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन सरकारी स्कूल यूं ही बंद पड़े हैं.