एनएमसी (नेशनल मेडिकल कमीशन ) की तीन सदस्यीय टीम सोमवार की सुबह एमजीएम अस्पताल व कॉलेज का निरीक्षण करने पहुंची. टीम ने अस्पताल में मरीजों की दी जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारी ली. टीम ने आइसीयू में सुधार की जरूरत बतायी. कहा कि इसमें 24 घंटे डॉक्टर नहीं रहते हैं जो काफी गंभीर मामला है. अस्पताल में लगी सीटी स्कैन मशीन बंद पायी गयी. कई डॉक्टर एप्रन नहीं पहने थे, टीम के आने की जानकारी मिलने पर एप्रन पहनते दिखे.
एनएमसी के अनुसार कॉलेज में 90 प्रतिशत फैकल्टी की उपलब्धता जरूरी है. कॉलेज में 18 प्रतिशत फैकल्टी व 15 प्रतिशत वरीय रेजीडेंट की कमी है. टीम ने अस्पताल में संसाधन, बेडों की संख्या, मरीजों को मिलने वाली सुविधा, मरीजों की संख्या, सभी विभाग के रजिस्टर, डॉक्टरों व स्टाफ की संख्या, अस्पताल में कितने मेजर व नॉर्मल ऑपरेशन होते हैं, उसकी जानकारी ली. टीम में शामिल सीएसआई मेडिकल हॉस्पिटल के डॉ सी सेल्वाकुमार के नेतृत्व में प्रोफेसर डॉ योगेश गुप्ता, जेएन मेडिकल कॉलेज अलीगढ़ व प्रोफेसर डॉ एस कुमार बेस्ट बंगाल शामिल हैं. अस्पताल में फैकल्टी की कमी के कारण हर समय सीट घटती बढ़ती रही है.
एमजीएम अस्पताल का निरीक्षण करने आयी टीम के सदस्यों ने सभी डॉक्टरों का कॉलेज बुलाकर उनके कागजातों की जांच की. इस दौरान अस्पताल में डॉक्टर नहीं होने के कारण मरीजों का अल्ट्रासाउंड नहीं हो सका. जिसकी शिकायत परिजनों ने अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ नकुल चौधरी को दी. उपाधीक्षक ने सभी को टीम की आने के बारे में जानकारी देते हुए मंगलवार को अल्ट्रासाउंड कराने की बात कहीं उसके बाद सभी लोग चले गये.
टीम ने अस्पताल में डॉक्टरों की हाजिरी की जांच की. जांच के दौरान दो डॉक्टर मौजूद नहीं थे. उनके बारे में प्रबंधन ने बताया कि वे छुट्टी पर हैं. टीम ने एमजीएम मेडिकल कॉलेज पहुंच कर वहां के सभी विभागों व डॉक्टरों के कागजातों की जांच की. टीम के द्वारा इसकी रिपोर्ट बनाकर एनएमसी को सौंपी जायेगी. ताकि उसके आधार पर मेडिकल कॉलेज में सीट का निर्धारण हो सकें.
रिपोर्ट- वरीय संवाददाता, जमशेदपुर