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भारत में बढ़ रही इस्लामी कट्टरता, पाकिस्तान और बांग्लादेश में प्रतिबंधित समूहों द्वारा दिया जा रहा बढ़ावा

Pakistan Targeting India: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इसी महीने ऑस्ट्रिया में कहा था कि पाकिस्तान वैश्विक आतंक का केंद्र है और भारत उसके निशाने पर है.

Pakistan Targeting India: भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने से पाकिस्तान बाज नहीं आ रहा है. आंकड़े इस बार की ओर इशारा कर रहे है कि भारत की अधिकांश आंतरिक सुरक्षा स्थितियों को पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित किया जा रहा है, जो खुद अपने आर्थिक अस्तित्व के लिए दुनिया से भीख मांग रहा है.

भारत में बढ़ रही है इस्लामी कट्टरता

भले ही 2021 की तुलना में 2022 में नागरिक मृत्यु दर में 13.5 प्रतिशत की कमी आई हो और सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया समान तुलना में बढ़ी हो, डेटा से पता चलता है कि भारत में इस्लामी कट्टरता बढ़ रही है और मुख्य रूप से पाकिस्तान और बांग्लादेश में प्रतिबंधित समूहों द्वारा इसे बढ़ावा दिया जा रहा है. इधर, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था 4.5 अरब अमेरिकी डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार, दो अंकों की मुद्रास्फीति और कमजोर मुद्रा के साथ नीचे पहुंच गई है. गहरी स्थिति आर्थिक खाई से उबरने के बजाय पाकिस्तान भारत में आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न करने की स्थिति बनाने पर तुला है.

टेरर फंडिंग के लिए पाक कर रहा ये काम

इनपुट्स से पता चलता है कि रावलपिंडी ने कश्मीर में सभी पाक-आधारित आतंकवादी समूहों को सक्रिय कर दिया है. ड्रोन के माध्यम से हथियारों की आपूर्ति में नाटकीय रूप से वृद्धि की है. भारत में आतंक की फंडिंग के लिए पाकिस्तान अफगान में हेरोइन की खेप भेज रहा है और यहां तक कि भारत-नेपाल सीमा के पांच किलोमीटर के भीतर मस्जिदों और मदरसों के निर्माण के लिए धन भी उपलब्ध करा रहा है.

नए आतंकी समूहों को जन्म दे रहा पाकिस्तान

2021 में 278 (37 नागरिक, 47 एसएफ कर्मी और 194 आतंकवादी) की तुलना में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा परिदृश्य में 2022 में 261 मौतें (33 नागरिक, 30 सुरक्षा बल और 198 आतंकवादी) के साथ सुधार हुआ है. पाकिस्तानी डीप स्टेट सक्रिय रूप से समर्थन कर रहा है. जम्मू-कश्मीर की जेलों में हाई प्रोफाइल पाक कैदियों की मदद से यूटी में आतंकी नेटवर्क को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है. 2021 में सुरक्षा बलों द्वारा ढेर किए गए 194 आतंकवादियों में से 20 पाकिस्तानी थे. 2022 में मारे गए 198 आतंकियों में से यह संख्या बढ़कर 56 हो गई है. जबकि, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन और अल बद्र मुजाहिदीन जैसे पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह 2022 में घाटी में सक्रिय थे. पाकिस्तानी ने द रेजिस्टेंस फ्रंट, कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स, पीपल्स जैसे नए समूहों को जन्म दिया है.

2022 में घुसपैठ के 27 प्रयास हुए

पाकिस्तान में मुश्ताक अहमद जरगर, सज्जाद शाहिद, बिलाल बेग जैसे पूर्व आतंकवादियों को घाटी को निशाना बनाने के लिए सक्रिय करने के अलावा, रावलपिंडी इस्लामिक स्टेट और अल कायदा जैसे पैन-इस्लामिक आतंकी समूहों की कश्मीर केंद्रित शाखाओं को मौन समर्थन दे रहा है. सीमा पार आतंकवादियों की घुसपैठ कराने के लिए पाक कोई कसर छोड़ता नहीं रहा है. 2021 में 16 की तुलना में 2022 में घुसपैठ के 27 प्रयास हुए.

ड्रोन का उपयोग कर हथियारों-विस्फोटकों की आपूर्ति कर रहा पाकिस्तान

सीमा पार से आतंकवादियों की घुसपैठ कराने के अलावा पाकिस्तान आंतरिक सुरक्षा की स्थिति में खलल पैदा करने के लिए जम्मू-कश्मीर और पंजाब में आतंकवादियों को ड्रोन का उपयोग कर हथियारों और विस्फोटकों की आपूर्ति कर रहा है. 2021 में 109, 2020 में 49 और 2019 में 35 की तुलना में 30 नवंबर, 2022 तक भारत-पाक सीमा पर 268 ड्रोन देखे गए. ये सभी अंतरराष्ट्रीय सीमा के दो से दस किलोमीटर की सीमा के भीतर थे. बीएसएफ ने 2022 में ऐसे 16 ड्रोन मार गिराए.

पाकिस्तान वैश्विक आतंक का केंद्र: भारत

पाकिस्तान पर नजर रखने वालों का कहना है कि JeM के गुर्गों काशिफ जान (2016 पठानकोट एयर बेस हमले में मुख्य आरोपी), अब्दुल मनन, कारी जर्रार सांबा सेक्टर में हथियार गिराने के लिए शकरगढ़ सेक्टर से ड्रोन लॉन्च कर रहे हैं. लश्कर का सैफुल्लाह सहीद जट अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ड्रोन हथियार गिराने का प्रमुख खिलाड़ी है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इसी महीने ऑस्ट्रिया में कहा था कि पाकिस्तान वैश्विक आतंक का केंद्र है और भारत उसके निशाने पर है.

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