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Pakistan Crisis: कैश संकट का सामना कर रहे पाकिस्‍तान में आटे के लिए मची भगदड़, अबतक दो लोगों की मौत

Pakistan Crisis: गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान के कई प्रांत में गेहूं का स्टॉक खत्म हो गया है. आटे के लिए कई जगह भगदड़ की खबर भी सामने आ रही है.

Pakistan Crisis: कैश संकट का सामना कर रहे पाकिस्‍तान में आर्थिक हालात एकदम बदतर हो गए हैं. शहबाज शरीफ की सरकार विदेशी मदद हासिल करने में पूरी तरह से असफल साबित हुई हैं. अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष की तरफ से भी पाकिस्‍तान को निराशा हाथ लगी है. इन सबके बीच, पाकिस्तान के कई प्रांत में गेहूं का स्टॉक खत्म होने की खबर सामने आ रही है.

आटे के लिए पाकिस्तान में कई जगह भगदड़

जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान में आटे का गंभीर संकट खड़ा हो गया है. कई जगह भगदड़ की खबर सामने आ रही है. पुलिस के मुताबिक, हंगामे के दौरान एक 40 वर्षीय मजदूर सड़क पर गिर गया और आसपास के लोगों ने उसे रौंद डाला, जिससे उसकी मौत हो गई. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, मृतक के परिवार ने खाद्य विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. इससे पहले, सिंध सरकार द्वारा लोगों को सब्सिडी वाले आटे की बिक्री के दौरान मीरपुरखास भगदड़ में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी.

जानिए पाकिस्तान में क्या है आटे का भाव

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, पाकिस्तान में गेहूं की कीमत 5000 रुपये प्रति मन पर पहुंचने के साथ ही रावलपिंडी के खुले बाजार में आटा की दर 150 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है. इधर, पंजाब प्रांत के शहर में 15 किलो गेहूं का बैग 2250 रुपये की रेट पर बिक रहा है. सब्सिडी वाले आटे का भाव भी आसमान छूने लगा है और 25 किलो वाले पैकेट के आटे की कीमत 3100 रुपये प्रति पैकेट हो गई है.

गेहूं के स्टॉक को लेकर बलूचिस्तान के खाद्य मंत्री ने कही ये बात

बलूचिस्तान के खाद्य मंत्री जमरक अचकजई ने कहा कि गेहूं का स्टॉक खत्म हो गया है और उन्हें दो लाख बैग के बजाय केवल 10 हजार बैग गेहूं प्राप्त हुआ है. उन्होंने आगे कहा कि पंजाब के सीएम चौधरी परवेज इलाही से 6 लाख बैग के लिए आग्रह किया था. हालांकि, उन्हें अभी तक उपलब्ध नहीं कराया गया है. जमरक अचकजई ने कहा कि उन्होंने गेहूं के संबंध में पाकिस्तान की संघीय सरकार से संपर्क किया था. उन्होंने खुलासा किया कि पाकिस्तान सरकार ने उन्हें पांच लाख बैग गेहूं मुहैया कराया और पिछले चार महीनों के दौरान उनका उपभोग किया गया. उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान अपनी जरूरत के 85 फीसदी हिस्से के लिए सिंध और पंजाब पर निर्भर है. हालांकि, इन प्रांत के बाहर गेहूं की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे स्थिति और खराब हो गई है.

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