मुजफ्फरपुर में स्मार्ट मीटर तो ठीक है, लेकिन वोल्टेज और जर्जर ट्रांसफॉर्मर का क्या होगा. एनबीपीडीसीएल से शहर से लेकर ग्रामीण स्तर पर जनता यही सवाल कर रही है. उपभोक्ताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि सिर्फ स्मार्ट मीटर लगाने से बिजली व्यवस्था स्मार्ट नहीं होगी. हुआ यूं कि सोशल मीडिया पर एनबीपीडीसीएल ( बिजली विभाग ) की ओर से दावा किया गया है कि मुजफ्फरपुर में भव्य शुरुआत करते हुए एक सप्ताह में 1,009 स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगा दिया गया है.
विभाग के आधिकारिक ट्विटर पर गति निर्धारित करने के लिए शुरुआत महत्वपूर्ण है. इस उत्साह के स्लोगन के साथ विभाग ने मंगलवार को अपनी उपलब्धि को शेयर किया. लेकिन उपभोक्ताओं ने इस पोस्ट के बाद बिजली विभाग की बदहाल स्थिति को लेकर कोसना शुरू कर दिया है. नये कनेक्शन में विलंब व वोल्टेज की समस्या, ट्रांसफॉर्मर को लेकर लोग सवाल करने लगे. हालांकि किसी भी सवाल का विभाग की ओर से जवाब नहीं दिया गया.
प्रीपेड मीटर लगाने का कोई शुल्क नहीं
बिजली कंपनी शहर के सरैयागंज सब डिवीजन अंतर्गत सरैयागंज व सिकंदरपुर सेक्शन में प्रीपेड मीटर लगाया जा रहा है. सिकंदरपुर में सामान्य उपभोक्ताओं के घर पर मीटर लगाना शुरू हो चुका है. लेकिन इसमें कुछ उपभोक्ता अनाकानी कर रहे है. जबकि यह मीटर लगाना अनिवार्य है. इसे नहीं लगाने पर बिजली कटेगी और विरोध पर प्राथमिकी दर्ज होगी. यह मीटर उपभोक्ताओं को हमेशा के लिए गड़बड़ बिजली बिल से छूटकारा पा सकते है. उन्हें बिल सुधार कराने, अधिक बिल आने आदि समस्याओं से हमेशा के लिए निजात मिल जायेगी.
बिजली कंपनी के सीनियर प्रोटोकॉल ऑफिसर ख्वाजा जमाल ने बताया कि उपभोक्ताओं को इस मीटर को लगाने का कोई चार्ज नहीं देना है. यह सेवा पूरी तरह नि:शुल्क है, मीटर लगाने वाली एजेंसी के साथ स्थानीय कर्मी भी साथ में रहते है. मीटर लगाने के साथ उपभोक्ता को इसके रिचार्ज करने के सभी तरीके के बारे में भी जानकारी दी जा रही है. अगर आपके सर्विस वायर में कट है तो उसे आपको बदलना होगा. इसके लिए कुछ देर का समय दिया जाता है. सभी अभियंता को निर्देश दिया गया है कि वह मीटर लगाने वाले क्षेत्र में एक दिन पूर्व सूचना दे. उपभोक्ता मना करते है तो पहले समझाये. नहीं माने तो उनका बिजली कनेक्शन पोल से कट जायेगा.
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