राज्य का कुंभ कहे जाने वाले भव्य गंगासागर मेला का आगाज हो गया है. सभी शिविरों में तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ने लगी है. सूत्रों के मुताबिक आउट्राम घाट और गंगासागर में अब तक लाखों तीर्थयात्री पहुंच चुके हैं. प्रशासन का अनुमान है कि बंधन पहल के माध्यम से भी उन्हें गंगासागर पहुंचने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या का पता चलेगा. फिर भी सूचना के अनुसार मंगलवार को हजारों की संख्या में तीर्थयात्री गंगासागर स्नान के लिए पहुंचे. प्रशासन तीर्थयात्रियों की सेवा में जुट गयी है. सेवा शिविर के लोगों की मानें तो आजकल तीर्थयात्री भीड़ के डर से मकर संक्राति तक का इंतजार नहीं कर रहे हैं. उनके अनुसार रोज हजारों की संख्या में लोग स्नान कर रहे हैं और लौट जा रहे हैं.
सागरद्वीप
गंगासागर. दक्षिण 24 परगना के सागरद्वीप में भव्य गंगासागर मेला में भक्तों का आना शुरू है. पता चला है कि रात में सागर पार नहीं करने के सरकारी निर्देश के उलट अनेक तीर्थयात्रियों को लेकर छह लॉन्च सोमवार रात में ही सागरद्वीप पहुंच गये. मिली जानकारी के अनुसार रात 10 से 11 बजे के बीच नामखाना घाट से छह लॉन्च सागर के बेनुबन पॉइंट पर चेमागुड़ी पहुंचे. आरोप है कि तीर्थयात्रियों से अतिरिक्त किराया लेकर इन छह लॉन्च वालों ने रात में उन्हें सागर से होते हुए तीर्थक्षेत्र में पहुंचाया. शाम के बाद सागर में लॉन्च मूवमेंट पर सरकारी रोक है. वहां से गुजरते समय दुर्घटना की प्रबल आशंका रहती है. रात में एक नहीं, छह लॉन्च तीर्थयात्रियों को लेकर कैसे सागरद्वीप पहुंच गये, इसे लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. सुंदरवन के पुलिस अधीक्षक(एसपी) भास्कर मुखर्जी घटना की जांच में लग गये हैं.
महानगर से लगभग 100 किलोमीटर दूर स्थित गंगासागर अपनी धार्मिक विशेषता के लिए जाना जाता है. मकर संक्रांति के दिन लाखों तीर्थयात्री यहां पुण्य स्नान करने आते हैं. तीर्थयात्रियों की भीड़ आउट्राम घाट पर उमड़ने लगी है. यहां से तीर्थयात्री गंगासागर रवाना भी होने लगे हैं. कई राज्यों से आये तीर्थयात्रियों का कहना है कि गंगासागर तीर्थ करना सैकड़ों तीर्थ करने के समान है. यहां लोग अपने अंतिम पड़ाव में आते है. गंगासागर का वर्णन वेदों-पुराणों में मिलता है. कहा जाता है कि यदि आपने गंगासागर स्नान नहीं किया तो समझें कि जीवन में कभी स्नान ही नहीं किया.
गंगासागर में आपको चौकन्ना रहने की जरूरत है. रोजाना ऐसी कई शिकायतें आती हैं, जहां किसी की जेब मार ली गयी होती है या फिर किसी के सामान चोरी हो जाते हैं. गंगासागर मेले में देशभर से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं. जाहिर है, ऐसे में जेबकतरों या फिर चोरों की नजर भी इस मेले पर रहती है. प्रशासन की ओर से व्यवस्था चौकस है, ताकि कोई अप्रिय घटना ना हो जाये. बावजूद इसके जेब कटने या फिर चोरी की घटनाएं होती हैं. ऐसी हालत में श्रद्धालुओं को सावधान रहने की बेहद जरूरत है.