Johnson and Johnson Baby Powder: बंबई हाई कोर्ट ने बुधवार को अहम फैसला सुनाते हुए जॉनसन एंड जॉनसन को अपना बेबी पाउडर बनाने और बेचने की अनुमति दे दी है. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने इस संबंध में लाइसेंस रद्द करने के महाराष्ट्र सरकार के आदेश को सख्त बताते हुए उसे खारिज कर दिया है.
लाइव लॉ डॉट इन की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस गौतम पटेल और जस्टिस एसजी ढिगे की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि एफडीए की कार्रवाई अनुचित और मनमाना था. अदालत ने कहा कि एक प्रशासक चींटी को मारने के लिए हथौड़े का इस्तेमाल नहीं कर सकता. यह उचित नहीं है कि जिस क्षण बैच से एक सैंपल मानक गुणवत्ता का नहीं पाया जाता है, लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है. पीठ ने कहा, एफडीए ने जम्मू-कश्मीर के अन्य उत्पादों या निर्माताओं के साथ इस तरह के कड़े मानक अपनाए हैं. कोर्ट ने कहा कि हफ्तों और महीनों के लिए कार्यवाही को लंबा नहीं खींचा जा सकता है. यह न केवल निर्माता के दृष्टिकोण से, बल्कि उपभोक्ताओं के रूप में हमारे लिए अनुचित है.
बताते चलें कि पुणे और नासिक में जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी पाउडर पर एफडीए द्वारा रैंडम जांच के बाद कंपनी के खिलाफ नवंबर-दिसंबर 2018 में जांच शुरू की गई थी. अक्टूबर, 2018 बैच के सैंपल का ग्यारह महीने बाद दोबारा टेस्ट किया गया, जिसमें पीएच स्तर थोड़ा अधिक पाया गया. कंपनी को इस बारे में जनवरी 2020 में सूचित किया गया और दोबारा टेस्ट की मांग की गई. हालांकि, केवल फरवरी, 2021 में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था और जुलाई, 2022 में व्यक्तिगत सुनवाई की गई थी. महाराष्ट्र की शीर्ष दवा नियामक संस्था ने 15 सितंबर, 2022 को जॉनसन एंड जॉनसन का लाइसेंस रद्द कर दिया था. कंपनी को बाद में अपने स्टॉक वापस लेने के लिए भी कहा गया था. इसके बाद कंपनी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
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