Bihar Teacher News: बिहार में जातीय जनगणना में शिक्षकों की ड्यूटी लगाइ गयी है जिसका विरोध भी शिक्षकों की ओर से किया जा रहा है. अब शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सभी जिला पदाधिकारियों एवं जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देशित किया है कि जातीय गणना में सहायक शिक्षकों की सेवाएं नहीं ली जाएं. जानिये किन्हें मिलेगी राहत..
अपर मुख्य सचिव ने यह साफ किया है कि उन सहायक शिक्षकों को मुक्त किया जाये, जो इंटरमीडिएट वार्षिक प्रायोगिक परीक्षा 2023 से संबंधित हैं. अपर मुख्य सचिव दीपक सिंह ने सभी जिला पदाधिकारियों को लिखे पत्र में लिखा है कि राज्य में चल रही जाति गणना में शिक्षकों की सेवा लिये जाने की वजह से इंटरमीडिएट वार्षिक प्रायोगिक परीक्षा के संचालन पर विपरीत असर पड़ रहा है. इंटर प्रायोगिक परीक्षा 10 जनवरी से 20 जनवरी तक आयोजित की जानी है.
बता दें कि बिहार में सरकारी शिक्षकों को जातीय जनगणना की ड्यूटी पर लगाया गया है. सूबे में 7 जनवरी से जातीय जनगणना के पहले चरण का काम शुरू हो गया है. इधर प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. वहीं दो शिक्षकों और एक प्रिंसिपल की मौत भी पिछले दिनों हुई है. शेखपुरा और मधुबनी के दो शिक्षकों की मौत इस ठंड में हो गयी. बताया जा रहा है कि दोनों की ड्यूटी जनगणना कार्य में लगी थी.
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बताते चलें कि बिहार में जातीय जनगणना के खिलाफ एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गयी है. नालंदा के एक युवक ने ये याचिका दायर की है. जिसपर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने हामी भर दी है. अब इस याचिका पर आगामी शुक्रवार को सुनवाई होगी. इस याचिका में युवक ने बिहार में जातिगत जनगणना को असंवैधानिक बताया है और इस काम में लगे तमाम कर्मियों को आगे के काम करने से रोक की मांग की है. शुक्रवार को अब इसपर अहम फैसला आना है.