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बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर अपने विवादास्पद बयान पर अडिग, ट्वीट कर कहा- अपनी बातों पर कायम हूं

मंत्री ने नालंदा खुला विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए सुंदरकांड ,रामचरितमानस और मनुस्मृति को नफरत का ग्रंथ बताया था. उन्होंने हिन्दुओं के पवित्र ग्रंथ की चौपाई और दोहे सुनाते हुए कहा था इन ग्रंथों में दलितों, वंचितों के साथ-साथ समस्त स्त्री जातियों का अपमान है.

बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने गुरुवार को एक ट्वीट कर कहा है कि हमने जो बात कही है, उसपर अभी भी कायम हूं. नीतीश के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरिमानस पर विवादस्पद बयान पर पूरे देश में बवाल मचा है. बुधवार को मंत्री ने नालंदा खुला विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए सुंदरकांड ,रामचरितमानस और मनुस्मृति को नफरत का ग्रंथ बताया था. उन्होंने हिन्दुओं के पवित्र ग्रंथ की चौपाई और दोहे सुनाते हुए कहा था इन ग्रंथों में दलितों, वंचितों के साथ-साथ समस्त स्त्री जातियों का अपमान है. उनके इस बयान के बाद बिहार समेत पूरे देश भर में इसपर बवाल मच गया.

जहां बीजेपी के तमाम बड़े नेता शिक्षा मंत्री को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं वही अयोध्या के संतो ने यहां तक घोषणा कर दी है कि शिक्षा मंत्री का जीभ काटने वाले को एक करोड़ का इनाम देने की बात कही है. इधर, शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर अभी भी अपने बयान पर कायम हैं. मंत्री ने अब अपने ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट करते हुए लिखा है कि मेरा बयान बहुजनों के हक में है और मैं अपने बयान पर अडिग और कायम रहूंगा. उन्होंने लिखा है कि धर्म की आड़ में गहरी साजिश से देश में जातीयता और नफरत का बीज बोने वाले बापू के हत्यारों के प्रतिक्रिया की परवाह नहीं करता.

इधर सीएम नीतीश कुमार ने इस मामले पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया. उनसे जब इसको लेकर सवाल किया गया तो साफ कह दिया कि मैंने नहीं सुना मुझे मालूम नहीं.

https://www.youtube.com/watch?v=6lfhVV7CxKk

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