EVM को लेकर एक खबर तेजी से वायरल हो रही है. जिसमें दावा किया जा रहा है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को अगले 23 साल के लिए बैन कर दिया गया है. यह दावा एक यूट्यूब चैनल की और से किया जा रहा है. आइये हम इस वायरल खबर की पड़ताल करते हैं.
EVM को लेकर क्या किया जा रहा है दावा
एक यूट्यूब चैनल की ओर से दावा किया जा रहा है कि EVM को अगले 23 साल के लिए बैन कर दिया गया है. चैनल ने दावा किया है कि ईवीएम को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बैन किया गया है. वायरल मैसेज में यह भी दावा किया जा रहा है कि अब चुनाव EVM से न होकर बैलेट पेपर से कराया जाएगा.
वायरल मैसेज की पड़ताल
EVM बैन होने की खबर सामने आने के बाद पीआईबी फैक्ट चेक की टीम ने इसकी पड़ताल की. जिसमें पाया गया कि यूट्यूब चैनल की ओर किया जा रहा दावा फर्जी है. सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा कोई भी फैसला नहीं लिया है. पीआईबी फैक्ट चेक ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से वायरल मैसेज को शेयर भी किया है.
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सरकार ने छह यूट्यूब चैनलों के खिलाफ कार्रवाई की है, जो अपने लगभग 20 लाख सब्सक्राइबर को फर्जी खबरें फैलाते पाए गए. पीआईबी की ‘फैक्ट चेक’ इकाई ने कहा कि ये छह चैनल समन्वित तरीके से काम कर रहे थे और झूठी सूचना फैला रहे थे और उनके वीडियो को 51 करोड़ से अधिक बार देखा गया था. इन चैनल में – 5.57 लाख से अधिक सब्सक्राइबर वाला नेशन टीवी, 10.9 लाख सब्सक्राइबर वाला संवाद टीवी, सरोकार भारत (21,100), नेशन24 (25,400), स्वर्णिम भारत (6,070) और संवाद समाचार (3.48 लाख सब्सक्राइबर) शामिल हैं. यह पीआईबी की ‘फैक्ट चेक’ इकाई की ओर से इस तरह की दूसरी कार्रवाई है. पिछले महीने, इकाई ने फर्जी खबरें फैलाने वाले तीन चैनलों का पर्दाफाश किया था और उन्हें प्रतिबंधित करने के लिए यूट्यूब को पत्र लिखा था.