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शरद यादव को याद कर भावुक हुए RJD प्रमुख लालू प्रसाद, शोक प्रकट करते हुए पुराने दिनों को किया याद

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कद्दावर नेता शरद यादव का गुरुवार को निधन हो गया. उन्होंने 75 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. उनके निधन पर देश भर में शोक की लहर है.

पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री और कद्दावर नेता शरद यादव का गुरुवार को निधन हो गया. उन्होंने 75 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. नेता के निधन के खबर की पुष्टि उनकी बेटी शुभासिनी शरद यादव ने की है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर लिखा, पापा नहीं रहे. शरद यादव के निधन पर देश भर में शोक की लहर है. राजद प्रमुख लालू यादव शरद यादव को याद करते हुए भावुक हो गये. उन्होंने ट्वीट कर शरद यादव के निधन पर गहरी संवेदनाएं जतायी है.

महान समाजवादी नेता थे शरद यादव

बता दें कि राजद अध्यक्ष लालू यादव जो फिलहाल सिंगापुर में इलाज करा रहे हैं, उन्होंने शऱद यादव के निधन पर गहरी शोक प्रकट किया है. लालू यादव ने एक वीडियो जारी कर कहा कि बड़े भाई शरद यादव के निधन से काफी विचलित और दुखी हूं. हमने राम मनोहर लोहिया समेत कई अन्य नेताओं के साथ मिलकर राजनीति की. वे महान समाजवादी नेता थे. स्पष्टवादी थे. उनसे मैं कभी कभी लड़ भी लेता था. मतभेद होता था, लेकिन मनभेद नहीं. वो अब हमारे बीच नहीं हैं. भगवान उनकी आत्मा को चीर शांति दें. शोकाकुल परिजनों के लिए संवेदनाएं.

तेजस्वी यादव ने भी जताया शोक

शरद यादव के निधन पर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी शोक जताया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा,  मंडल मसीहा, राजद के वरिष्ठ नेता, महान समाजवादी नेता मेरे अभिभावक आदरणीय शरद यादव जी के असामयिक निधन की खबर से मर्माहत हूं. कुछ कह पाने में असमर्थ हूं. माता जी और भाई शांतनु से वार्ता हुई. दुख की इस घड़ी में संपूर्ण समाजवादी परिवार परिजनों के साथ है.

रात 10.19 बजे ली अंतिम सांस

शरद यादव के परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटी और एक बेटा है. फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के एक बयान में कहा गया कि यादव को अचेत और अनकंसियस अवस्था में आपातकालीन वार्ड में लाया गया था. एसीएलएस प्रोटोकॉल के अनुसार उन्हें सीपीआर दिया गया था. सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद, उन्हें पुनर्जीवित नहीं किया जा सका और रात 10.19 बजे मृत घोषित कर दिया गया.

सात बार लोकसभा के लिए चुने गये थे शरद यादव 

बता दें कि बता दें कि शरद यादव तीन बार  राज्यसभा के सदस्य रहे थे. वहीं, वे सात बार लोकसभा के लिए चुने गए थे. बिहार के सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड के संस्थापक सदस्य रहे शरद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा महागठबंधन को समाप्त करने और बीजेपी के साथ हाथ मिलाने के बाद उनका साथ और पार्टी छोड़ दी थी. 

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