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‘अनिल अंबानी के डिस्कॉम्स बोर्ड से ‘आप’ नेताओं को निकालो बाहर’, दिल्ली के LG ने दिल्ली सरकार को दिया निर्देश

राजनिवास द्वारा जारी बयान के अनुसार, डिस्कॉम के बोर्ड में उनका नामांकन साफ तौर पर अवैध था, क्योंकि इसमें कानून की उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. उपराज्यपाल ने 26 सितंबर 2022 को मिली शिकायत के आधार पर दिल्ली बिजली बोर्ड और मुख्य सचिव की जांच रिपोर्ट के बाद ये फैसला लिया है.

नई दिल्ली : दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) विनय कुमार सक्सेना ने शुक्रवार को अनिल अंबानी की बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम्स) से नामित आप (आम आदमी पार्टी) के नेताओं को बाहर निकालने का निर्देश दिया है. आरोप है कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने अनिल अंबानी की स्वामित्व वाली बिजली वितरण कंपनी बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड और बीएसईएस पावर लिमिटेड के बोर्ड में निजी व्यक्तियों की संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए नियुक्ति की गई. इस आरोप के बाद सरकार ने बिजली वितरण कंपनियों के बोर्ड में नामित आप नेताओं को हटाने और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को बदलने का निर्देश दिया है.

दिल्ली के एलजी की ओर से अनिल अंबानी की बिजली वितरण कंपनियों के बोर्ड से आप के जिन नेताओं को हटाने का निर्देश दिया गया है, उनमें जैसमीन शाह, आप सांसद एनडी गुप्ता के बेटे नवीन एनडी गुप्ता, उमेश त्यागी और जेएस देसवावल शामिल हैं. राजनिवास की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, डिस्कॉम के बोर्ड में उनका नामांकन साफ तौर पर अवैध था, क्योंकि इसमें कानून की उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया और उनकी नियुक्ति शुरू से ही न के बराबर थी.

शिकायत के आधार पर एलजी ने दिया निर्देश

समाचार एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने 26 सितंबर 2022 को मिली एक शिकायत के आधार पर दिल्ली बिजली बोर्ड और मुख्य सचिव की ओर से पेश की गई जांच रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद ये फैसला लिया है. उपराज्यपाल से की गई शिकायत में इस बात का उल्लेख किया गया है कि अनिल अंबानी की बिजली वितरण कंपनियों के बोर्ड में शामिल होने के बाद आप के इन नेताओं ने दिल्ली सरकार द्वारा संचालित उपक्रमों डीटीएल, आईपीजीसीएल और पीपीसीएल की कीमत पर सरकारी खजाने से वितरण कंपनियों को अनुचित लाभ दिया है. इस शिकायत के बाद उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मामले के बारे में जानकारी देने और कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.

दो उपराज्यपालों ने जताई थी लिखित आपत्ति

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग द्वारा 1 नवंबर 2016 और अनिल बैजल द्वारा 11 अगस्त 2017 को लिखित आपत्तियों के बावजूद आम आदमी पार्टी की सरकार के द्वारा 2019 में अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली बिजली वितरण कंपनी बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड और बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड के बोर्ड में इन नेताओं की नियुक्ति की गई. रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2017 में सरकार द्वारा नामितों की नियुक्ति के प्रस्ताव की एक फाइल तत्कालीन उपराज्यपाल अनिल बैजल के पास भेजा था.

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उपराज्यपाल के पास फाइल भेजे बगैर अधिसूचना

इसके बाद उपराज्यपाल अनिल बैजल ने इस फाइल को यह कहते हुए वापस कर दिया था कि पहले, इससे संबंधित फैसला मंत्रिमंडल की बैठक में लिया जाए और उसके बाद मंत्रिमंडल से अनुशंसित फाइल उनके पास भेजी जाए, ताकि वे भारतीय संविधान की धारा 239एए के खंड चार के अनुसार, मतभेदों को दूर किया जा सके. रिपोर्ट में कहा गया है कि अरविंद केजरीवाल सरकार के मंत्रिमंडल ने अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली डिस्कॉम्स के बोर्ड में आप नेताओं की नियुक्ति संबंधी फैसला लेने के बाद फाइल उपराज्यपाल के पास भेजने की बजाय सीधे उसे अधिसूचित कर दिया.

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