पटना के प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय में पदस्थापित वरीय उपसमाहर्ता सूरज कुमार सिन्हा के 16 वर्षीय बेटे आयुष की पीट-पीट कर हत्या करने का मामला सामने आया है. इस घटना के बाद प्रशासन के आला अधिकारियों के बीच हड़कंप मच गया. डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह के आदेश पर पटना एम्स में गुरुवार की देर रात ही डॉक्टर की टीम ने पोस्टमार्टम किया. घटना फुलवारी थाना क्षेत्र के मौर्य विहार कॉलोनी के रोड नंबर 3 स्थित मानस रिहैबिलिटेशन सेंटर का है, जहां आयुष को इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. आरोप है कि वहां स्टाफ ने उसकी पिटाई की, जिसके बाद आयुष की हालत बिगड़ने के बाद एम्स में भर्ती कराया गया, जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गयी.
एसडीएम ने इस संबंध में फुलवारी थाने में हॉस्पिटल व उसके स्टाफ सुजीत कुमार पर मारपीट कर हत्या करने का मामला दर्ज करवाया है. उन्होंने दिये गये आवेदन में आरोप लगाया कि उनके बेटे के साथ अस्पताल के स्टाफ ने मारपीट की है. यही नहीं उसके शरीर पर गहरे चोट व जलने के निशान भी मिले हैं. इस बात की जानकारी उन्होंने तुरंत वाट्सएप के जरिये पटना के डीएम को दी. फुलवारीशरीफ थाना अध्यक्ष सफीर आलम ने बताया कि मृतक के शरीर पर चोटों के निशान देखे गये हैं. इस मामले में जांच की जा रही है. फिलहाल मृतक के पिता ने अस्पताल में मारपीट किये जाने के चलते बेटे की मौत हो जाने की प्राथमिकी दर्ज करने का आवेदन दिया है.
एसडीएम ने बातचीत के दौरान बताया कि आयुष को 21 दिसंबर 2022 को मानस अस्पताल में नशे की लत छुड़ाने के लिए भर्ती कराया गया था. फतुहा थाना के नोहटा के रहने वाले सुमित सिन्हा के दो बेटों में बड़ा बेटा आयुष मसूरी के एक बड़े बोर्डिंग स्कूल में 11वीं का स्टूडेंट था और 1 दिसंबर को ठंडे की छुट्टी में वह फतुहा स्थित अपने घर पहुंचा था. बेटे को भर्ती करने के बाद जब 25 दिसंबर को एसडीएम मिलने गये, तो उन्हें नहीं मिलने दिया गया. इसके बाद 4 जनवरी को दुबारा मिलने गये, तो बेटे ने कहा कि पापा मुझे ले चलो…सुजीत मुझे कैमरा बंद कर बहुत पीटता है. उसने 29 दिसंबर को भी हुई पिटाई की बात बतायी. पिटाई के कारण जबड़े और पेट में दर्द की भी शिकायत की. जब इसकी शिकायत अस्पताल के संचालक डॉ संतोष से बात करने की कोशिश की गयी, तो उन्होंने कॉल नहीं उठाया. एसडीएम ने आरोप लगाया कि जब इसको लेकर उन्होंने फटकार लगायी, तो आक्रोश में बेटे को और पीटा गया, जिससे उसकी हालत बिगड़ गयी और मौत हो गयी.
एसडीएम ने बताया कि 12 जनवरी के लगभग चार बजे डॉ संतोष ने फोन कर बताया कि आपके बेटे का पल्स और बीपी डाउन हो गया है, उसे किस अस्पताल में भर्ती कराया जाये. इसके बाद उसे पटना एम्स में भर्ती कराया गया. जब वे एम्स पहुंचे, तो देखा कि आयुष वेंटिलेटर पर है. रात 10 बजे डॉक्टरों ने आयुष को मृत घोषित कर दिया. इससे पहले जब उसे आखिरी बार देखा, तो उसके शरीर पर चोट के निशान मिले. उन्होंने तुरंत इस बात की जानकारी डीएम को वाट्सएप के जरिये दी.
बेटे की मौत की खबर मिलते ही मां हुई बेहोश
आयुष का छोटा भाई अंश अपने भाई की अचानक मौत से स्तब्ध है. मृतक के परिवार वालों का कहना है कि इतने बड़े अधिकारी के बेटे के साथ अस्पताल में इस तरह बर्ताव किया गया, तो हम लोगों के बच्चों के साथ कैसा बर्ताव किया जाता होगा. बेटे की मौत की खबर मिलते ही मां बेहोश हो गयी.
कंपाउंडर ने कहा : आयुष के साथ नहीं हुई कोई मारपीट
इस पूरे मामले में मानस अस्पताल के संचालक डॉ संतोष कुमार से संपर्क नहीं हो पाया. उनके मोबाइल पर कॉल लगाने पर अस्पताल के कंपाउंडर सुजीत कुमार ने रिसीव किया और कहा कि अस्पताल में आयुष कुमार की पिटाई नहीं हुई है. यहां अस्पताल में सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है. यह भी बताया कि आयुष कुमार को नशे की लत छुड़ाने के लिए भर्ती कराया गया था . गुरुवार को आयुष को अचानक उल्टी हुआ और तबीयत ज्यादा खराब हो जाने पर पटना एम्स में भर्ती कराया गया था.