प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. योजना के क्रियान्वयन की प्रक्रिया व कथित रूप से भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए पांच और केंद्रीय टीमें बंगाल दौरे पर आ रही हैं. राज्य सचिवालय के सूत्रों के अनुसार, ये पांच केंद्रीय टीमें राज्य के 10 जिलों में जाकर आरोपों की जांच करेंगी. बताया जा रहा है कि इसे लेकर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से राज्य के पंचायत सचिव को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी जा चुकी है.
इससे पहले ग्रामीण विकास मंत्रालय की दो टीमों ने पूर्व मेदिनीपुर और मालदा में आवास भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की थी. अब मामले की विस्तृत जांच के लिये केंद्र की और पांच टीमें बंगाल आ रही हैं, जो फिर से पूर्व मेदिनीपुर और मालदा जायेंगी. इसके अलावा केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य दक्षिण 24 परगना, पूर्व बर्दवान, पश्चिम मेदिनीपुर, नदिया, मुर्शिदाबाद, अलीपुरद्वार, दार्जिलिंग और कलिम्पोंग में भी आवास योजना में भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करेंगे. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने राज्य सरकार को पत्र देकर केंद्रीय टीम का पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया है.
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में राज्य में 11.36 लाख आवास बनाने की मंजूरी दी है और इसके लिए लगभग 8200 करोड़ रुपये आवंटित करने की घोषणा भी की है. बताया जा रहा है कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने राज्य सरकार को पत्र देकर लगभग 20 हजार करोड़ रुपये के भुगतान का आश्वासन दिया था. राज्य सचिवालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पीएम आवास योजना के तहत केंद्र सरकार ने फंड आवंटित करने की घोषणा तो कर दी है, लेकिन अब तक राज्य सरकार को फंड नहीं मिला है. ऐसे में योजना का काम आगे कैसे बढ़ेगा, इसे लेकर राज्य सरकार की चिंताएं बढ़ गयी हैं. केंद्र सरकार ने योजना का काम पूरा करने के लिए 90 दिनों की डेडलाइन तो दे दी है, लेकिन अब तक फंड नहीं दिया है. ऐसे में राज्य सरकार ने केंद्र से फंड की किस्त का भुगतान करने का आवेदन किया है, जिससे योजना को समय पर पूरा किया जा सके.
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के बाद अब राज्य के शिक्षा विभाग को भी केंद्र सरकार द्वारा आवंटित फंडों के क्रियान्वयन की जांच के लिए केंद्रीय टीम यहां पहुंच रही है. जानकारी के अनुसार, राज्य के स्कूल के बच्चों को बेहतर भोजन मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार द्वारा पीएम पोषण योजना के तहत पश्चिम बंगाल सरकार को फंड मुहैया कराया गया है. आरोप है कि इस फंड को लेकर भी भ्रष्टाचार हुआ है. इसलिए अब केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की टीम भी मामले की जांच के लिए राज्य के दौरे पर आयेगी. जानकारी के अनुसार, पिछले कुछ दिनों में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में मिड डे मील में सांप, छिपकली मिलने की घटनाएं सामने आई हैं.