Bihar Teacher News: भागलपुर जिले में फर्जी डिग्री से नियोजित शिक्षक बने लोगों की धरपकड़ के लिए निगरानी अन्वेषण ने ब्यूरो ने कार्यवाही तेज कर दी है. इस बाबत ब्यूरो ने जांच के लिए शेष बचे बिहार के 80518 शिक्षकों के सभी प्रमाणपत्र व मेधासूची के फोल्डर जमा करने का निर्देश शिक्षा विभाग को दिया है. भागलपुर से 3125 शिक्षकों का फोल्डर जमा होना शेष है.
2003 से 2012 के बीच पंचायत नियोजन इकाइयों ने बिना डिग्रियों को सत्यापित कराये फर्जी तरीके से शिक्षकों का नियोजन किया. ऐसी घटनाएं बिहार के सभी जिलों में हुई. तब रंजीत पंडित नामक एक व्यक्ति ने 2014 में उच्च न्यायालय पटना में इसकी लिखित शिकायत की. कोर्ट ने निगरानी अन्वेषण ब्यूरो से राज्य के सभी नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाणपत्र व मेधासूची की जांच कराने का आदेश जारी किया.
ब्यूरो ने 2015 से राज्य के सभी नियोजित शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच शुरू कर दी. आठ साल बीत जाने के बावजूद बिहार में आठ लाख व भागलपुर में 3125 शिक्षकों का फोल्डर का अता पता नहीं है. भागलपुर जिले से 8286 शिक्षकों का फोल्डर जमा होना था. इनमें से 5161 शिक्षकों का ही फोल्डर जमा हो पाया.
जिला शिक्षा कार्यालय से मिली सूचना के अनुसार प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने शेष बचे शिक्षकों के फोल्डर की मांग की है. अब जिला मुख्यालय से सभी बीइओ को पत्र देकर शेष बचे शिक्षकों का ब्यौरा मांगा जायेगा. जल्द ही इससे संबंधित पत्र जारी किया जायेगा. इस बार भी फोल्डर नहीं मिले तो इसकी लिखित सूचना निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को दी जायेगी.
प्राथमिक शिक्षा निदेशक के जारी पत्र के अनुसार बांका जिला में 119 व मुंगेर से एक शिक्षक का फोल्डर जमा नहीं हुआ है. इसके अलावा अररिया में 5681, जमुई से 2402, कटिहार से 189, खगड़िया से 2093, किशनगंज व मधेपुरा से शून्य, लखीसराय से 1524, पूर्णिया से 354, सहरसा से 140, सुपौल से 5643 शिक्षकों के प्रमाणपत्र व मेधासूची का फोल्डर जमा होना शेष है.
जिला शिक्षा कार्यालय के अनुसार भागलपुर से शेष बचे सभी 3125 पंचायत शिक्षक हैं. पंचायतों में मुखिया व पंचायत सचिव की अनुशंसा पर इनमें से अधिकांश शिक्षकों की बहाली हुई थी. जब पंचायत नियोजन इकाइ के प्रमुख पंचायत सचिव से शेष बचे शिक्षकों का फोल्डर मांगा गया. तब पंचायत सचिव फोल्डर नहीं दे पाये. इस कारण जिले के 188 पंचायत सचिव पर केस दर्ज किया है. पंचायत सचिव बेल लेकर काम पर लगे हुए हैं. साथ ही निगरानी विभाग का अनुसंधान कार्य जारी है.
Posted By: Thakur Shaktilochan