पटना. बिहार में मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का त्योहार 15 जनवरी को मनाया जायेगा. मकर संक्रांति का त्योहार 15 जनवरी को उदया तिथि होने के कारण मनाया जायेगा. मकर संक्रांति के दिन सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में गोचर होने के कारण इसे मकर संक्रांति या खिचड़ी के त्योहार के रूप में मनाते हैं. हिंदू धर्म में मकर संक्रांति त्योहार का बहुत ही ज्यादा महत्व है. इस त्योहार को देश के हर हिस्से में मनाया जाता है. इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं. नयी फसल के आगमन को लेकर भी इस त्योहार को मनाया जाता है. किसानों के घर में नया फसल आता है. इससे किसानों को खुशी होती है.
मकर संक्रांति के दिन परंपरा के अनुसार लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं एवं दान पुण्य करते हैं. मान्यता है कि पवित्र नदियों में स्नान करने एवं दान पुण्य करने से काफी फल मिलता है. पटना, सारण और बक्सर गंगा घाट पर श्रद्धालु गंगा स्नान कर परिक्रमा करते हैं. इस दौरान कथा का भी श्रवण श्रद्धालुओं द्वारा किया जाता है. इसके अलावा भोजपुर के गंगा नदी के बड़हरा घाट, सिन्हा घाट, महुली घाट एवं सोन नद के कोईलवर, संदेश, सहार, अंधारी, बिहटा आदि घाटों पर श्रद्धालु पहुंचकर स्नान करते हैं. इसके लिए श्रद्धालुओं ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. हालांकि आज भी कुछ लोग मकर संक्रांति मना रहे है. वे लोग आज गंगा स्नान करने पहुंचे है.
धार्मिक पंचाग के अनुसार 14 जनवरी 2023 को रात के 8 बजकर 14 मिनट पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा. इस कारण उदया तिथि के अनुसार मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी. मकर संक्रांति के त्यौहार के अवसर पर सूर्य को अर्ध देना काफी शुभ होता है. त्यौहार का शुभ मुहूर्त 15 जनवरी को सुबह 07 बजकर 15 मिनट से शुरू होकर शाम के 5 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. मकर संक्रांति का पुण्य काल मुहूर्त 07 बजकर 15 मिनट से 12 बजकर 30 मिनट तक है. वहीं इस दिन महापुण्य काल मुहूर्त 07 बजकर 15 मिनट से 09 बजकर 15 मिनट तक है. इन मुहूर्तों में दान-पुण्य और पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है.
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मकर संक्रांति का हिन्दू धर्म में काफी महत्व है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन दान करने पर कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है. मान्यता के अनुसार मकर संक्रांति के ही दिन सूर्य का अपने पुत्र शनि से मिलन होता है. इसी दिन शुक्र ग्रह का भी उदय होता है. इसलिए यह दिन काफी शुभ माना जाता है. इस दिन पानी में काला तिल और गंगा जल मिलाकर स्नान काफी शुभ होता है. ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से सूर्य की कृपा होती है. जीवन के सभी ग्रह दोष दूर हो जाते है.
मकर संक्रांति का जितना धार्मिक महत्व है, उतना ही अधिक वैज्ञानिक महत्व भी है. मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य दक्षिणायण से उत्तरायण होते हैं. सर्दियों के मौसम में रात लंबी और दिन छोटा होता है. मकर संक्रांति के दिन से रात छोटी और दिन बड़ा होने लगता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन से ठंड कम होने की शुरुआत हो जाता है.