मुजफ्फरपुर नगर भवन परिसर में लगा जिला प्रदूषण मापक यंत्र शनिवार को दोपहर धू-धू कर जल गया. लाखों के संयंत्र खाक हो गये. अगलगी के दौरान यूनिट के भीतर दो बार हुए तेज धमाके की आवाज से भगदड़ मच गयी. अग्निशमन विभाग के कर्मियों के साथ जमा भीड़ खौफजदा हो गयी. हालांकि यूनिट के अंदर आग बुझाने वाला सिलिंडर होने की बात पता चलने पर लोगों ने राहत की सांस ली. घटना दोपहर करीब 1.45 बजे की है.
बताया जाता है कि अचानक यूनिट को धू-धू कर जलते देख निगम कर्मियों ने इसकी सूचना नगर आयुक्त कुमार गौरव को दी. नगर आयुक्त ने अग्निशमन विभाग को बताया. अग्निशमन विभाग तुरंत पहुंचा. इसके बाद 25 मिनट में बेकाबू आग पर काबू पा लिया गया. यूनिट के निकट लगे नये टिपरों को बचा लिया गया. वहां मौजूद लोगों का कहना था कि यूनिट में प्रतिनियुक्त कर्मी ड्यूटी से गायब रहते हैं. अगर वे मुस्तैद रहते, तो कंट्रोल रूम को जलने से बचाया जा सकता था. घटना की जानकारी लेने के लिए डिप्टी मेयर नाजिया हसन भी पहुंचीं.
आग बुझाने में लगाये गये चार दमकल
प्रदूषण मापक यूनिट में लगी आग को बुझाने में दमकल की चार गाड़ियां लगायी गयी. इसमें दो छोटी, एक बड़ी व एक मध्यम आकार की गाड़ी थी. अधिकारी घटना का कारण प्रथम दृष्टया शॉर्ट सर्किट मान रहे हैं. जांच के बाद स्थिति स्पष्ट होने की बात कही जा रही है. यूनिट का नियंत्रण बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से होता था. इधर, भीड़ के कारण अग्निशामक वाहनों को वहां तक ले जाने में मशक्कत करनी पड़ी. वरीय समादेष्टा सह जिला अग्निशमन पदाधिकारी अनिरुद्ध प्रसाद ओएसडी व नगर आयुक्त की ओर से सूचना मिलते ही तत्काल दो बड़ी व दो छोटी गाड़ी लेकर घटना स्थल पर पहुंचने का निर्देश टीम को दिया. भीड़वाले इलाके को देखते हुए बेनीपुर और बिरौल को भी अलर्ट पर रखा था, लेकिन इसकी आवश्यकता नहीं पड़ी.
लापरवाह कर्मी के विरुद्ध विभाग को निगम भेजेगा पत्र
प्रदूषण कंट्रोल यूनिट में तैनात समस्तीपुर निवासी श्याम कुमार के ड्यूटी से गायब रहने को लेकर नगर निगम संबंधित विभाग को पत्र भेजेगा. उपनगर आयुक्त सुधांशु कुमार ने बताया कि आग लगने का कारण फिलहाल स्पष्ट नहीं है. यह जांच का विषय है. घटना के समय कर्मी नदारद थे. आग देख निगम कर्मी गेट तोड़ आग बुझाने में जुट गये.