13.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

S. Jaishankar: LAC के मुद्दे पर विदेश मंत्री ने चीन को फिर से लताड़ा, कहा- ‘हमारी प्रतिक्रिया मजबूत और दृढ़’

S. Jaishankar: उन्होंने कहा कि सीमा पर तैनात भारतीय बल सबसे चरम और कठोर मौसम की स्थिति में सीमा की सुरक्षा के लिए लगातार काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "हजारों की संख्या में तैनात ये सैनिक सबसे कठिन इलाके और खराब मौसम में हमारी सीमाओं की रक्षा करते हैं."

S. Jaishankar: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को चीन को भारत की ‘मजबूत और दृढ़’ प्रतिक्रिया पर प्रकाश डाला, जिसने मई 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर कोविड -19 महामारी के बीच और बहुत कुछ हाल ही में पिछले साल दिसंबर में अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में झड़प पर यथास्थिति को एकतरफा रूप से बदलने की कोशिश की. तुगलक के 53वें वार्षिक दिवस समारोह में बोलते हुए, विदेश मंत्री ने कहा, “उत्तरी सीमाओं पर, चीन बड़ी ताकतों को लाकर हमारे समझौतों का उल्लंघन करके यथास्थिति को बदलने की कोशिश कर रहा है. कोविड के बावजूद यह मई 2020 में हुआ था. हालांकि इसपर हमारी प्रतिक्रिया मजबूत और दृढ़ थी.”

‘सीमा पर तैनात भारतीय बल सुरक्षा के लिए लगातार कर रहे काम’

उन्होंने कहा कि सीमा पर तैनात भारतीय बल सबसे चरम और कठोर मौसम की स्थिति में सीमा की सुरक्षा के लिए लगातार काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “हजारों की संख्या में तैनात ये सैनिक सबसे कठिन इलाके और खराब मौसम में हमारी सीमाओं की रक्षा करते हैं.” जयशंकर ने कहा कि भारत अब दुनिया के लिए अधिक मायने रखता है, इस पर विस्तार करते हुए, दुनिया ने चीन को भारत की प्रतिक्रिया में देखा कि यह “एक ऐसा देश है जिसे मजबूर नहीं किया जाएगा और अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वह करेगा जो वह करेगा”. उन्होंने भारत के भू-राजनीतिक महत्व और भू-सामरिक स्थिति पर भी जोर दिया.

भारतीय प्रायद्वीप के नाम पर महासागर के लिए एक दृश्य केंद्रीयता

उन्होंने कहा कि भारत के मामले में, भूगोल ने इसकी प्रासंगिकता के इतिहास द्वारा बनाए गए मामले में जोड़ा है. भारतीय प्रायद्वीप के नाम पर महासागर के लिए एक दृश्य केंद्रीयता है और साथ ही एक महाद्वीपीय आयाम भी है. हमारी सक्रिय भागीदारी के बिना, कोई ट्रांस-एशिया नहीं कनेक्टिविटी पहल वास्तव में दूर हो सकती है. हिंद महासागर आज और भी अधिक भू-राजनीतिक महत्व ग्रहण करने के लिए तैयार है. भारत अपने स्थान का कितना अच्छा उपयोग करता है, यह दुनिया के लिए इसकी प्रासंगिकता का एक बड़ा हिस्सा है. जितना अधिक यह प्रभावित करता है और भाग लेता है, उतना ही इसका वैश्विक शेयरों में वृद्धि होगी.”

पहले भी दे चुके है प्रतिक्रिया

यह पहली बार नहीं है जब जयशंकर ने एलएसी को ‘एकतरफा तरीके से बदलने’ की कोशिश के लिए चीन को लताड़ा है. ऑस्ट्रियन ZIB2 पॉडकास्ट के साथ एक साक्षात्कार में जयशंकर ने कहा था, “हमारा एलएसी को एकतरफा रूप से नहीं बदलने का समझौता था, जो उन्होंने एकतरफा करने की कोशिश की है. इसलिए, मुझे लगता है, एक मुद्दा, एक धारणा जो हमारे पास है जो सीधे हमारे अनुभवों से उत्पन्न होती है.”

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें