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गिरिडीह के पारसनाथ में नक्सलियों के सबसे बड़े कैंप में ऐश-ओ-आराम के इंतजाम देख पुलिस भी हैरान

गिरिडीह जिला से गिरफ्तार 15 लाख के इनामी नक्सली कृष्णा हांसदा के बताये स्थान पर सुरक्षा बलों की टीम पहुंची, तो नक्सलियों के कैंप को देखकर उनकी आंखें खुली की खुली रह गयीं. चतरो स्थित इस सबसे बड़े नक्सली कैंप में नक्सलियों ने अपनी अलग दुनिया बसा रखी थी.

गिरिडीह, मृणाल कुमार. झारखंड के गिरिडीह जिला से गिरफ्तार 15 लाख के इनामी नक्सली कृष्णा हांसदा की निशानदेही पर गिरिडीह पुलिस ने पारसनाथ के तराई वाले इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाकर नक्सलियों के अब तक के सबसे बड़े कैंप का पता लगाया है. यह कैंप पारसनाथ क्षेत्र के चतरो में मिला है. इस नक्सली कैंप से पुलिस ने नक्सली पोस्टर, साहित्य, भारी मात्रा में खाने-पीने की सामग्री के साथ-साथ सोलर प्लेट, दवाइयां व अन्य सामग्री भी बरामद की है.

नक्सलियों के खिलाफ पारसनाथ इलाके में सर्च ऑपरेशन

इलाके में लगातार नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी है. सीआरपीएफ के साथ मिलकर गिरिडीह की पुलिस लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही है. बता दें कि कृष्णा हांसदा की पारसनाथ के इलाके में तूती बोलती थी. कृष्णा हांसदा के एक इशारे पर संगठन से जुड़े लोग किसी भी घटना को अंजाम देने के लिए तैयार रहते थे. यही कारण है कि पुलिस के लिए कृष्णा हाल के दिनों में सिरदर्द बन गया था.

नक्सली कैंप में थी ऐसी-ऐसी सुविधाएं

सीआरपीएफ व जिला पुलिस के पदाधिकारी-जवान कृष्णा हांसदा के साथ पारसनाथ के तराई वाले इलाके में बसे चतरो पहुंचे. कृष्णा पारसनाथ के चप्पे-चप्पे को जानता है. इसलिए पुलिस उसे अपने साथ लेकर इलाके में ऑपरेशन चलाने के लिए निकली थी. जब कृष्णा के बताये स्थान पर सुरक्षा बलों की टीम पहुंची, तो नक्सलियों के कैंप को देखकर उनकी आंखें खुली की खुली रह गयीं. चतरो स्थित इस सबसे बड़े नक्सली कैंप में नक्सलियों ने अपनी अलग दुनिया बसा रखी थी. कैंप में तमाम सुविधाएं उपलब्ध थीं. इस कैंप में वो तमाम सुविधाएं थीं, जो किसी गांव या शहर में रहने वाले व्यक्ति के घर में होती हैं.

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पुलिस वाले जब कैंप में दाखिल हुए, तो उन्होंने देखा कि इस कैंप में न केवल तमाम जरूरी चीजें उपलब्ध हैं, बल्कि बड़े नक्सली कमांडरों के ठहरने के लिए अलग से व्यवस्था थी. छोटे नक्सलियों की अलग और बड़े नक्सलियों के लिए अलग व्यवस्था. हर स्तर के नक्सली के लिए अलग-अलग विंग बना था. उस विंग के आस-पास सुरक्षा के लिहाज से घेराबंदी भी की गयी थी. साथ ही इस कैंप से पुलिस की हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए एक अलग झोपड़ीनुमा कमरा बना हुआ था.

पहाड़ी पर हो रही थी खेती, साग-सब्जी उगा रहे थे नक्सली

चतरो में पुलिस ने नक्सलियों के जिस कैंप का पता लगाया है, वहां पर सब्जियां भी उगायी जा रहीं थीं. पहाड़ी पर एक अलग-सा माहौल था. पुलिस के वरीय अधिकारी ने बताया कि पारसनाथ में नक्सलियों का यह सबसे बड़ा कैंप है. यहां कई बड़े नक्सली कमांडर आते-जाते रहते हैं.

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गिरिडीह के पारसनाथ में नक्सलियों के सबसे बड़े कैंप में ऐश-ओ-आराम के इंतजाम देख पुलिस भी हैरान 2
पहाड़ी के ऊपर बनाया गया था नेटवर्क जोन

कैंप में नक्सलियों द्वारा अलग से नेटवर्क जोन बनाया गया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, यह वह कैंप है, जहां हर साल बाहर से बड़े-बड़े नक्सली कमांडर अपने दस्तों के साथ पहुंचते हैं. फिलहाल पुलिस इलाके में लगातार सर्च अभियान चला रही है.

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पुलिस की टीम जब चतरो स्थित कैंप पहुंची, तो यहां पर बड़े-बड़े चूल्हे मिले. यहां नक्सलियों के लिए खाना बनाया जाता था. पुलिस ने जब जांच की, तो पाया कि चूल्हे गर्म थे. इससे पुलिस ने अंदेशा जताया कि कैंप में कई नक्सली मौजूद थे. शायद उन्हें पुलिस के आने की भनक लग गयी और सभी वहां से भाग खड़े हुए.

कृष्णा के साथ मौजूद था साहेबराम मांझी उर्फ राहुल दा

पुलिस ने जब कृष्णा हांसदा से कड़ाई से पूछताछ की, तो उसने बताया कि उसकी गिरफ्तारी के पहले तक उसके साथ इनामी नक्सली साहेबराम मांझी भी मौजूद था. पुलिस को देखकर वह भाग गया. गौरतलब है कि साहेबराम मांझी भी इनामी और कुख्यात नक्सली है. हालांकि, पुलिस के अधिकारी इस मामले में कुछ भी बताने को तैयार नहीं हैं.

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