बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि श्रीरामचरितमानस पर अपमानजनक टिप्पणी करने वाले शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पर जगह-जगह मुकदमे दर्ज होने चाहिए और उनका ऐसा विरोध किया जाना चाहिए कि वे किसी कॉलेज में न घुसने पाएं. उन्होंने कहा कि राजद से हाथ मिलाने के बाद मंत्रियों पर नीतीश कुमार का कोई नियंत्रण नहीं रह गया है. मोदी ने कहा कि जिन्हें शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी दी गयी, वे छात्रों-शिक्षकों की समस्याएं हल करने के बजाय लोकप्रिय हिंदू धर्म ग्रंथ रामचरितमानस की निंदा कर समाज में कटुता पैदा करने पर उतर आये. उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ महागठबंधन में पूरी अराजक स्थिति है. मानस-निंदा प्रकरण में जदयू और राजद के बड़े नेता परस्पर-विरोधी बयान दे रहे हैं.
पार्टी को कमजोर महसूस कर रहे उपेंद्र कुशवाहा: मोदी
सुशील मोदी ने कहा कि राजद में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी और विधायक विजय मंडल शिक्षा मंत्री के बयान को गलत मानते हैं, जबकि प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद मानस-निंदक मंत्री के विचारों के साथ खड़े हैं. उन्होंने कहा कि जदयू अध्यक्ष ललन सिंह के मुताबिक उनकी पार्टी मजबूत हुई है, लेकिन संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को संगठन में कमजोरी महसूस हो रही है. उन्होंने कहा कि सरकार और महागठबंधन में तीखे मतभेद खुलकर सामने आ रहे हैं, जबकि नीतीश कुमार, लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव चुप्पी साधकर तमाशा देख रहे हैं.
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का बयान निंदनीय: लोजपा
लोजपा (रा) ने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह द्वारा रामचरित्रमानस पर दिये गये अपमानजनक टिप्पणी को निंदनीय बताया. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेश भट्ट ने बताया कि शिक्षा मंत्री द्वारा इस तरह के असंवेदनशील बयान से बिहार की पूरे देश में जग हंसाई हो रही है. उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री सही मायने में मानते हैं कि रामचरितमानस नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है, तो वे उसे बैन करके दिखाएं. महज सस्ती लोकप्रियता के लिए उन्हें ऐसी घटिया बयानबाजी से परहेज करना चाहिए. शिक्षा मंत्री की समाज के प्रति बेहद अहम जिम्मेदारी होती है.उन्हें छात्रों में एकता की भावना का प्रसार करना चाहिए, न कि बंटवारे की राजनीति.भट्ट ने मुख्यमंत्री से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले वाले शिक्षा मंत्री को बर्खास्त की मांग की.