Bareilly News: कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में बड़ी संख्या में भीड़ जुट रही है. इस यात्रा से राहुल गांधी की छवि में काफी सुधार हुआ है, तो वहीं कांग्रेस के जनाधार में इजाफा होने लगा है, जिसके चलते देश के विपक्षी नेता कांग्रेस के साथ खड़े होने लगे हैं. मगर, यूपी में भारत जोड़ो यात्रा को विपक्ष का साथ नहीं मिल रहा है. भारत जोड़ो यात्रा के 3 जनवरी को यूपी में आने पर एसपी चीफ अखिलेश यादव और बीएसपी चीफ मायावती को बुलावा भेजा गया था. मगर, दोनों नेता ही शामिल नहीं हुए थे.
यूपी की ढाई लोकसभा सीट और 3 जिलों से गुजरने वाली भारत जोड़ो यात्रा में काफी भीड़ थी. कांग्रेस नेताओं का भी जमाबड़ा था. मगर, अब 30 जनवरी को भारत जोड़ो यात्रा का श्रीनगर में समापन है. इसलिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एसपी चीफ अखिलेश यादव और बीएसपी चीफ मायावती समेत 21 विपक्षी दलों के नेताओं को पत्र लिखा था. मगर, इसमें से मायावती ने 15 जनवरी को किसी भी दल से गठबंधन न करने के साथ ही ईवीएम (EVM) पर निशाना साधा है.
उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा में शामिल न होने की बात कही, तो वहीं अखिलेश यादव ने भारत जोड़ो यात्रा को बधाई दी. उनका कहना है कि हमारी नीतियां अलग हैं. हम उनकी यात्रा में शामिल नहीं होंगे. बताया जाता है कि दोनों नेता जल्द ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को यात्रा में शामिल न होने को लेकर पत्र भी लिखेंगे.
अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अखिलेश और मायावती के साथ समान विचारधारा वाले 21 राजनीतिक दलों को भी पत्र लिखा है. इन सभी को श्रीनगर में 30 जनवरी को भारत जोड़ो यात्रा के समापन समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है. इन दलों के प्रमुखों को लिखे पत्र में यह भी कहा कि उनकी उपस्थिति से यात्रा के सत्य, करुणा और अहिंसा रूपी संदेश को मजबूती मिलेगी.
खड़गे ने पत्र में लिखा है कि, ‘मैं आप लोगों को व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित करता हूं कि श्रीनगर में 30 जनवरी को भारत जोड़ो यात्रा के समापन समारोह में शामिल हों.’ राहुल गांधी की अगुवाई में चल रही भारत जोड़ो यात्रा के समापन पर श्रीनगर में बड़े आयोजन की तैयारी है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे ने टीएमसी, जेडीयू, शिवसेना, टीडीपी, एसपी, बीएसपी, डीएमके, सीपीआई, सीपीआईएम, जेएमएम,आरएलएसपी, हम, पीडीपी, एनसीपी, एमडीएमके,आईयूएमएल, केएसएम, आरएसपी प्रमुख हैं. इसके अलावा नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारुख अब्दुल्ला व उमर अब्दुल्ला, आरजेडी से लालू यादव व तेजस्वी यादव और शरद यादव को भी पत्र लिखकर बुलाया है.
कन्याकुमारी से 7 सितंबर 2023 को शुरू होने वाली भारत जोड़ो यात्रा का जम्मू कश्मीर में 30 जनवरी को समापन है. राहुल गांधी ने भारत जोड़ो के माध्यम से पैदल यात्रा की है. इसमें सभी समान विचारधारा वाले दलों के नेताओं को बुलावा दिया गया था. इसमें डीएमके, शिवसेना, एनसीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस जैसे दलों के नेताओं ने शिरकत की थी.
दक्षिण भारत में भारत जोड़ो यात्रा के साथ सभी विपक्षी नेता साथ में खड़े थे. मगर, उत्तर भारत के राजनीतिक दलों ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से दूरी बनाए रखी है. सपा, बसपा, आरएलडी, आम आदमी पार्टी और बिहार में बेहद प्रभावशाली जदयू ने यात्रा को नैतिक समर्थन तो दिया, लेकिन उनके किसी नेता को अब तक यात्रा में राहुल गांधी के साथ खड़े नहीं देखा गया. क्योंकि, इन राजनीतिक दलों को अपनी राजनीतिक जमीन कांग्रेस के हाथों गंवाने का डर है. इन सभी दलों का उदय कांग्रेस के वोट से हुआ है.
कांग्रेस के वोट बैंक से ही उत्तर भारत के ज्यादातर राजनीतिक दल खड़े हुए हैं. सपा, बसपा, आरएलडी, जदयू और आरजेडी सबके मतदाता कभी कांग्रेस के ही पारंपरिक मतदाता रहे हैं. सबसे नजदीक में आम आदमी पार्टी दिल्ली और पंजाब में कांग्रेस के वोट बैंक को हथियाकर ही खड़ी हुई है. ऐसे में यदि कांग्रेस और राहुल गांधी मजबूत होते हैं, तो इनका चिंतित होना स्वाभाविक है. क्योंकि, इससे उनका आधार वोट खिसकने का खतरा पैदा हो सकता है.
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा 12 राज्यों का सफर तय कर चुकी है. इनमें तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, यूपी, पंजाब शामिल हैं. इस दौरान इन राज्यों के 70 से अधिक जिलों को कवर किया गया है. अभी भी राहुल गांधी को करीब 200 किमी का सफर तय करना है. राहुल गांधी इस दौरान हिमाचल और जम्मू-कश्मीर से गुजरेंगे. इस तरह कुल 150 दिन में भारत जोड़ो यात्रा 13 राज्यों में करीब 4000 किमी की दूरी पैदल तय कर लेगी.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली