प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अग्निवीर के पहले बैच को सोमवार को संबोधित किया. पीएम मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये अग्निवीरों से बात की और उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी. इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अग्निवीर के पहले बैच से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बात की. उन्होंने कहा, अग्निपथ योजना मील का पत्थर साबित होगी और यह सशस्त्र बलों को मजबूत करने तथा भविष्य में आने वाली चुनौतियों के लिए उन्हें तैयार करने में एक गेम चेंजर साबित होगी.
अग्निवीर आने वाले समय में हमारे सशस्त्र बलों में अग्रणी भूमिका निभाएंगे : मोदी
पीएम मोदी ने कहा, अग्निवीर आने वाले समय में हमारे सशस्त्र बलों में अग्रणी भूमिका निभाएंगे. प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि यह योजना महिलाओं को और सशक्त बनाएगी. उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि कैसे महिला अग्निवीर नौसेना का गौरव बढ़ा रही हैं. वह तीनों बलों में महिला अग्निवीरों को देखने के लिए उत्सुक हैं. प्रधानमंत्री ने सियाचिन में तैनात महिला सैनिक और आधुनिक लड़ाकू विमान उड़ाने वाली महिलाओं का उदाहरण देते हुए अग्निवीरों को बताया कि कैसे महिलाएं विभिन्न मोर्चों पर सशस्त्र बलों का नेतृत्व कर रही हैं.
#WATCH | Delhi: Prime Minister Narendra Modi and Defence Minister Rajnath Singh interact with Agniveers.
(Source: PMO) pic.twitter.com/SmCKyzSbjW
— ANI (@ANI) January 16, 2023
6 महीने की ट्रेनिंग के बाद भारतीय सेना में तैनात होंगे अग्निवीर
अग्निवीर के पहले बैच की ट्रेनिंग शुरू हो चुकी है. 6 महीने की ट्रेनिंग मिलने के बाद सभी अग्निवीरों को भारतीय सेना में तैनात कर दिया जाएगा. सभी अग्निवीर थलसेना, वायुसेना और नौसेना के ट्रेनिंग कैंप के साथ जुड़ेंगे.
14 जून 2022 को केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना की घोषणा की
गौरतलब है कि पिछले साल 14 जून को सरकार ने तीनों सेवाओं (सेना, नौसेना और वायु सेना) में सैनिकों की भर्ती के लिये अग्निपथ योजना की घोषणा की थी. यह योजना चार साल की अवधि के लिये सशस्त्र बलों में सेवा करने का अवसर प्रदान करती है. इस योजना के तहत सेना में शामिल होने वाले युवाओं को अग्निवीर नाम दिया जाएगा. हालांकि चार साल के बाद प्रत्येक बैच के केवल 25 प्रतिशत जवानों को ही 15 साल की अवधि के लिये उनकी संबंधित सेवाओं में रखा जाएगा. विपक्षी दलों ने इस कवायद की आलोचना की है लेकिन सरकार ने कहा है कि यह सशस्त्र बलों को अधिक युवा बनाएगी और इसकी मौजूदा जरूरतों को पूरा करेगी.