Delhi Cold Wave: दिल्ली में आज सुबह शीतलहर का प्रकोप रहा और सफदरजंग वेधशाला में न्यूनतम तापमान 1.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया यह 1 जनवरी 2021 के बाद से इस महीने सबसे कम तापमान है. राष्ट्रीय राजधानी में न्यूनतम तापमान महज दो दिन में करीब 9 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है. बता दें दिल्ली में शनिवार को न्यूनतम तापमान 10.2 डिग्री सेल्सियस और कल 4.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
लोधी रोड पर स्थित मौसम केंद्र में न्यूनतम तापमान 1.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. लोधी रोड पर ही भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) का मुख्यालय स्थित है. दक्षिण पश्चिम दिल्ली के आयानगर में न्यूनतम तापमान 2.8 डिग्री सेल्सियस, मध्य दिल्ली के रिज में दो डिग्री सेल्सियस और पश्चिम दिल्ली के जफरपुर में 2.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. सफदरजंग में 1 जनवरी 2021 को न्यूनतम तापमान 1.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया था. इस साल 8 जनवरी को न्यूनतम तापमान 1.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था.
क्या कहते हैं आईएमडी के आंकड़ें
आईएमडी के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में पांच से नौ जनवरी तक भीषण शीतलहर चली जो एक दशक में इस महीने में प्रचंड शीतलहर की दूसरी सबसे लंबी अवधि रही. अभी तक इस महीने 50 घंटे तक घना कोहरा दर्ज किया गया जो 2019 के बाद से सबसे अधिक है. आईएमडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में साफ मौसम और कोहरा न होने के मद्देनजर धूप खिलेगी तथा दिन का तापमान सामान्य रहेगा. उन्होंने कहा- रात और सुबह के दौरान शीतलहर चलेगी. इसलिए इस शीतलहर की तुलना पहले से नहीं की जा सकती.
स्काईमेट वेदर के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी महेश पालावत ने कहा कि कल (मंगलवार) को न्यूनतम तापमान 1 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है. उन्होंने कहा- पश्चिमी विक्षोभ के कारण हिमालयी क्षेत्र में भारी हिमपात हुआ. पश्चिमी विक्षोभ के 14 जनवरी को पीछे हटने के बाद मैदान में ठंडी उत्तरपश्चिमी हवाएं चली. साफ आसमान के कारण तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गयी जिससे इंफ्रारेड विकिरण (सूर्य से गर्मी) रात को वापस अंतरिक्ष में लौटा.
आईएमडी ने पहले दिल्ली में 17-18 जनवरी को शीतलहर के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया था. उसने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण 18 से 20 जनवरी तक न्यूनतम तापमान धीरे-धीरे 3 से 5 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ेगा. जब पश्चिमी विक्षोभ किसी क्षेत्र में आता है तो हवा की दिशा बदल जाती है. पर्वतों से आने वाली ठंडी उत्तरपश्चिमी हवाएं रुक जाती है जिससे तापमान बढ़ जाता है. मैदानी हिस्सों में शीतलहर की घोषणा तब की जाती है, जब न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है. भीषण शीतलहर की घोषणा तब की जाती है जब न्यूनतम तापमान 2 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है.