पटना. रामचरितमानस को नफरती ग्रंथ बतानेवाले बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव एक बार फिर अपने बयान से चर्चा में हैं. उन्होंने ट्वीट करते हुए एक नया नारा बुलंद किया है. बिहार में सरकारी स्कूलों के बुनियादी ढाचे का आकलन होगा. इस पर चंद्रशेखर यादव ने ट्विटर पर लिखा कि “बुनियादी संसाधन उचित पाठन. शिक्षित बिहार, तेजस्वी बिहार. शिक्षा मंत्री के इस नारे पर जहां भाजपा ने तंज कसा है, वहीं राजद ने कहा है कि तेजस्वी किसी का नाम मात्र नहीं है, इसका एक अर्थ भी होता है.
सोमवार को उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से जब इस स्लोगन के ऊपर पत्रकारों ने सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इसमें क्या हर्ज है, इसका मतलब केवल मेरा नाम ही नहीं होता. बिहार को तेजस्वी बनाने की बात भी हो सकती है, इसको देखने का नजरिया किसका कैसा है, सब कुछ इस पर निर्भर करता है. हर किसी के हर बात पर रियेक्टर नहीं करना चाहिए. शिक्षामंत्री के मंडल नहीं झुकेगा के सवाल पर तेजस्वी यादव ने मीडियाकर्मियों से कहा कि मंडल और कमंडल के बारे में बताइये. राजद शुरू से ही सामाजिक न्याय को लेकर काम करती रही है. किसी को भी जाति में नहीं बांटा जा सकता है. पिछड़ी जाति के लोग भी सामंतवादी हो सकते हैं, यह किसी के भी सोच पर निर्भर करता है. जिसकी जितनी समझ है, उतना मीडिया में चल रहा है, किसी भी चीज को देखने का हर किसी का अलग नजरिया होता है.
शिक्षामंत्री ने जो पोस्ट किया है उसमें बिहार के सरकारी स्कूलों में सर्वे होने के कार्यों के बारे में जानकारी है. शिक्षा मंत्री ने इस स्कूलों में सर्वे कराने का जिम्मा एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल स्टडीज को दिया है. इस मॉडल के में कई चीजें प्रस्तावित हैं, जिसमें आवासीय विद्यालय की स्थापना, उन्नयन और नवीयन की संभावनाओं पर विचार किया जाएगा. इसके लिए विभाग हर जिले में दो से तीन बेहतर स्कलों का आकलन करेंगे, जिसमें भवन, भूमि सहित बाकी सुविधा उपलब्ध हैं. इसके हिसाब से उसे आवासीय बनाने पर निर्णय लिया जाएगा. सरकारी स्कूलों में बेहतर सुविधा के लिए ये कार्य किया जाएगा.