17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रांची साइबर पुलिस ने असम के गणेश मंडल को किया गिरफ्तार, इस तरह से लोगों के खाते से उड़ाता था पैसे

AEPS का दुरुपयोग करते हुए POS मशीन के जरिये पैसे की निकासी की गयी. इसके लिए साइबर क्रिमिनल्स ने फिनो पेमेंट बैंक में फर्जी दस्तावेज से बैंकिंग करेस्पोंडेंट/बैंक मित्र का खाता खुलवाया गया. इसके बाद क्लोन्ड फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल करके अलग-अलग बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर कर लिये गये.

रांची साइबर पुलिस ने असम के एक साइबर क्रिमिनल को गिरफ्तार किया है. उसका नाम गणेश मंडल (42) है. उसके पास से दो मोबाइल फोन, दो सिम कार्ड, एक पैन कार्ड, एक आधार कार्ड, एक क्रेडिट कार्ड, एक रोईनेट सॉल्यूशन आईडी कार्ड, एक लैपटॉप, बैंक ऑफ इंडिया का एक पासबुक और फोन पे वॉलेट में लिंक्ड इस कांड से संबंधित फेडरल बैंक अकाउंट नंबर 77770102413131 का स्क्रीन शॉट बरामद किया गया है. गणेश मंडल ने रांची के कांके रोड निवासी अवध पोद्दार (30) के अकाउंट से 2.50 लाख रुपये उड़ा लिये थे.

कांके के अवध पोद्दार के खाते से उड़ा लिये 2.50 लाख रुपये

अवध पोद्दार ने 11 अक्टूबर 2022 को साइबर थाना में एक शिकायत दर्ज करायी थी, जिसमें कहा था कि साइबर क्रिमिनल्स ने उनके बैंक अकाउंट से 2 लाख 50 हजार रुपये की निकासी कर ली. रांची साइबर पुलिस ने बताया है कि अवध पोद्दार के बैंक अकाउंट से लिंक्ड बायोमेट्रिक थंब इंप्रेशन को क्लोन करके उनके खाते से रुपये की निकासी की गयी.

AEPS का दुरुपयोग करते हैं साइबर क्रिमिनल्स

पुलिस के मुताबिक, आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AEPS) का दुरुपयोग करते हुए Point of Sale (POS) मशीन के जरिये पैसे की निकासी की गयी. इसके लिए साइबर क्रिमिनल्स ने फिनो पेमेंट बैंक (Fino Payment Bank) में फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल करते हुए बैंकिंग करेस्पोंडेंट/बैंक मित्र का खाता खुलवाया गया. इसके बाद क्लोन्ड फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल करके अलग-अलग बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर कर लिये गये.

Also Read: Jharkhand Cyber Crime News: ग्राम प्रधान और CSP संचालक ही निकले साइबर ठग, जामताड़ा से 7 आरोपी गिरफ्तार
असम के कामरूप जिला का रहने वाला है गणेश मंडल

अवध पोद्दार की शिकायत पर साइबर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की. बैंक खाते से उड़ाये गये 2.5 लाख रुपये में से 1.30 लाख रुपये की रिकवरी भी कर ली. मामले की जांच आगे बढ़ी और आखिरकार असम से साइबर क्रिमिनल गणेश मंडल को गिरफ्तार भी कर लिया. वह असम के कामरूप जिला के बोको थाना क्षेत्र के हालमोकाम का रहने वाला है. उसके पिता अनिल मंडल मारीगांव के पालीगुड़ी स्थित बेलीगुड़ी रोड में रहते हैं.

रांची साइबर पुलिस ने लोगों को किया सतर्क

साइबर पुलिस ने बताया है कि गणेश मंडल यश बैंक (Roinet), NOVO PAY और Rupi Pay का डिस्ट्रीब्यूटर है, जो AEPS सेवाएं देने के लिए रिटेलर्स को पंजीकृत करते हैं. रांची की साइबर पुलिस ने इस तरह का अपराध करने वालों की कार्यशैली (Modus Operandie) के बारे में भी बताया है. साथ ही यह भी जानकारी दी है कि इस तरह के साइबर फ्रॉड से कैसे बच सकते हैं.

Also Read: Jharkhand Cyber Crime News: ऑनलाइन सामान मंगा रहे हैं तो रहें सावधान, आपका अकाउंट हो सकता है खाली
इस तरह लोगों के अकाउंट में सेंध लगाते हैं साइबर क्रिमिनल्स

  • कई सरकारी विभाग लोगों के व्यक्तिगत विवरण जैसे बायोमेट्रिक्स (Thumb Impression, IRIS Scan) लेकर उसे ऑनलाइन अपलोड करते हैं. साइबर क्रिमिनल्स अलग-अलग वेबसाइट्स पर अपलोड किये गये बायोमेट्रिक थंब इंप्रेशन को कॉपी करके डुप्लिकेट सिलकॉन थंब बनाने की जुगाड़ में रहते हैं.

  • ये लोग बटर पेपर के जरिये अंगूठे के निशान की नकल कर लेते हैं. इसके बाद आधार कार्ड से लिंक्ड बैंक अकाउंट्स को शॉर्टलिस्ट करते हैं.

  • फिर फर्जी दस्तावेज जमा करके किसी भी प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन बैंक मित्र/बैंकिंग करेसपोंडेंस/सीएसपी (Customer Service Point) एजेंट का खाता खुलवा लेते हैं.

  • एक बार ऑनलाइन खाता बन गया, तो वे बायोमेट्रिक डिवाइस और क्लोन किये गये रबर फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल करके POS मशीन के जरिये पैसे की निकासी या अन्य बैंकों में पैसे ट्रांसफर कर लेते हैं.

ऐसे बचायें अपनी गाढ़ी कमाई (How To Save Your Money)

  • यदि आप नियमित रूप से AEPS (Aadhaar Enabled Payment Services)

  • सुविधा का उपयोग नहीं कर रहे हैं, तो अपने खातों से AEPS सुविधा को निष्क्रिय कर दें.

  • किसी भी अनजान वेबसाइट पर अपनी उंगलियों के निशान दर्ज करने से बचें.

  • अपने बायोमेट्रिक प्रिंट्स को काम होने के बाद Resident.uidai.gov.in/bio- lock या mAadhar (Google plus store) Application के माध्यम से lock कर दें.

  • साईबर क्राईम के पीड़ित 1930 पर कॉल करें और cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज करायें.

  • AEPS के माध्यम से अगर बैंक खाता से अवैध निकासी हो गयी है, तो 90 दिन के अंदर अपने संबंधित बैंक शाखा में सूचना दें तथा Refund / Charge back के लिए आवेदन दें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें