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बिहारः जहानाबाद में सीनियर अधिकारी और किसान परेशान, जानें परेशानी के क्या है कारण..

Bihar me dhan kharid: कई पैक्स द्वारा सीसी अकाउंट में पैसे नहीं रहने के कारण धान खरीद नहीं किये जाने की बात बता रहे हैं तो दूसरी तरफ एफआरके नहीं मिलने के कारण भी परेशानी उत्पन्न हो रही है.

Bihar me dhan kharid. बिहार के जहानाबाद में आला अधिकारी सीएम के आगमन की तैयारी में व्यस्त हैं, वहीं दूसरी तरफ पैक्सों में धान की खरीदारी नहीं होने से किसान परेशान हैं. कड़ाके की ठंड के बावजूद किसान मजबूरी में सैकड़ों बोरे धान को पैक कर खलिहान में रखवाली करने को विवश हैं. दरअसल, हाड़ तोड़ मेहनत कर किसान एक पखवारे से अधिक समय से धान पीट कर खलिहान में रख दिया है. वे अब इसकी खरीदारी के इंतजार में बेपानी हो रहे हैं.

धान खरीदारी के करीब दो माह समय गुजरने को है. अभी तक जिला में लक्ष्य 61 हजार एमटी की अपेक्षा 40 प्रतिशत भी धान की खरीदारी नहीं हो पायी है. ऐसे में धान खरीद की धीमी गति रहने से लक्ष्य को पाना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिम दिख रहा है. कई पैक्स द्वारा सीसी अकाउंट में पैसे नहीं रहने के कारण धान खरीद नहीं किये जाने की बात बता रहे हैं तो दूसरी तरफ एफआरके नहीं मिलने के कारण भी परेशानी उत्पन्न हो रही है.

कुल मिलाकर जटिल प्रक्रिया की पेंच में धान खरीदारी का कार्य ठप पड़ा है. सदर प्रखंड के अमैन पंचायत के किसान बताते हैं कि कड़ाके की ठंड के बीच खलिहान में प्रतिदिन धान की रखवाली के लिए सोना पड़ता है. ऐसे में कई किसान सिस्टम को कोस रहे हैं. अगर हालात यही रही कि कई किसान अब व्यापारी के हाथों धान बेचने की तैयारी में जुट गये हैं. यह हाल तब है जब हाल के दिनों में कृषि टास्क फोर्स की मासिक बैठक में डीएम ने धान अधिप्राप्ति के कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया था.

क्या कहते हैं किसान

दस दिनों से ऊपर समय से खलिहान में धान बोरे में बंद कर खरीदारी के इंतजार में रखे हुए हैं लेकिन धान की खरीदारी नहीं हो पा रही है. ऐसे में किसान पेशोंपेश में हैं

– उपेंद्र प्रसाद ने कहा कि पैक्स में धान की खरीद नहीं हो रही है. करीब एक पखवारे से धान खरीद का काम ठप पड़ा है. पैसा का अभाव रहने के कारण धान की खरीदारी नहीं होने की बात बतायी जा रही है

– बिहारी महतो ने कहा कि ठंड के दिनों में खलिहान व बधार में धान की रखवाली करना काफी मुश्किल भरा काम साबित हो रहा है. ऐसे में दो-चार दिनों के बाद अगर पैक्स धान की खरीदारी नहीं करता है तो व्यवसायी के हाथों कम दाम पर धान को बेचना किसानों के लिए मजबूरी बन जाएगी

-देवेश कुमार व्यवसायी काफी कम दाम पर धान की खरीदारी करते हैं. ऐसे में किसानों को व्यवसायी के हाथों धान बेचने पर आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. हजारों बोरा से ऊपर एक-एक गांव में धान खलिहान में पड़ा है

क्या कहते हैं पदाधिकारी

जिले के 93 में 91 पैक्सों के माध्यम से धान खरीदारी की जा रही है. 40 प्रतिशत धान की खरीद हुई है. एफआरके एवं सीएमआर की वजह से कुछ परेशानी उत्पन्न हुई थी जिसे दूर किया गया है. कुछ जगहों पर पैसे के अभाव में धान की खरीद नहीं हो रही है. पैसे की समस्या सोमवार तक दूर कर दिया जाएगा-सत्येंद्र प्रसाद, जिला सहकारिता पदाधिकारी, जहानाबाद

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