मुजफ्फरपुर: जिले के प्राइवेट व सरकारी अस्पतालों में होने वाले जन्म-मृत्यु की आंकड़े में अब हेराफेरी नहीं हो सकती है. पिछले माह मृत्यु के रजिस्ट्रेशन में गड़बड़ी की बात सामने आने के बाद सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है. अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय के मुख्य रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) की तरफ से कड़ा पत्र जारी किया गया है. इसके बाद जिला सांख्यिकी पदाधिकारी ने जिले के छोटे-बड़े सभी सरकारी अस्पतालों में निगरानी रखने के लिए सांख्यिकी पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति कर दी है.
शहरी क्षेत्र के अस्पतालों की निगरानी रखने की जिम्मेदारी नगर निगम को दी गयी है. वहीं, श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एसकेएमसीएच) के अलावा सदर अस्पताल एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बंदरा की निगरानी खुद जिला सांख्यिकी पदाधिकारी रणजीत कुमार सिन्हा करेंगे.
इसके अलावा अवर सांख्यिकी पदाधिकारी संजय कुमार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सकरा व मुरौल, मानवेंद्र कुमार को मीनापुर पीएचसी, शिवानंद भारती को गायघाट पीएचसी, मुकेश कुमार कर्ण को मड़वन पीएचसी, प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी सुनील कुमार को सरैया पीएचसी, अशोक कुमार को बोचहां, मनोरंजन कुमार को कुढ़नी, ओम प्रकाश गुप्ता को साहेबगंज व मोतीपुर, दिनेश राय को मुशहरी, अवनीश कुमार को कटरा, अनिल कुमार सिन्हा को कांटी पीएचसी की जिम्मेदारी दी गयी है.
कृषि समन्वयक पारू को पारू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं औराई के कृषि समन्वयक सुरेंद्र कुमार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र औराई की जिम्मेदारी मिली है. जिला सांख्यिकी पदाधिकारी ने बताया कि हर महीने निरीक्षण की तिथि तय कर दी गयी है. जन्म व मृत्यु होने के 24 घंटे के भीतर पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर देना है. ताकि, किसी को जन्म-मृत्यु सर्टिफिकेट बनाने में कोई परेशानी नहीं हो. बता दें कि जन्म-मृत्यु होने के 21 दिनों के भीतर रजिस्ट्रेशन होने पर नि:शुल्क सर्टिफिकेट बनाया जाता है.