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मुजफ्फरपुर मरीज की जानकारी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने वाला पहला जिला बना, सरकारी अस्पताल में ऐसे मिलेगी सुविधा

बिहार में अब किसी भी अस्पताल में इलाज कराने वाले मरीज की पूरी जानकारी पोर्टल पर सुरक्षित रहेगी. देश का पहला पोर्टल है जिसमें पहले से स्वास्थ्य के अलग-अलग चल रहे 40 पोर्टल एक जगह पर मौजूद होंगे. इसके साथ ही मुजफ्फरपुर देश का पहला जिला बन गया है, जहां इस तरह के पोर्टल पर कार्यशाला का आयोजन किया गया है

बिहार में अब किसी भी अस्पताल में इलाज कराने वाले मरीज की पूरी जानकारी पोर्टल पर सुरक्षित रहेगी. देश का पहला पोर्टल है जिसमें पहले से स्वास्थ्य के अलग-अलग चल रहे 40 पोर्टल एक जगह पर मौजूद होंगे. इसके साथ ही मुजफ्फरपुर देश का पहला जिला बन गया है, जहां इस तरह के पोर्टल पर कार्यशाला का आयोजन किया गया है. ये बातें सोमवार को राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने कहीं.

उन्होंने कहा कि इस पोर्टल को रोडिक कंसल्टेंट की सहायता से चलाया जायेगा. राज्य के चार जिलों नालंदा, गोपालगंज, सीवान एवं मुजफ्फरपुर जिले में इसे पहले फेज में लागू किया जा रहा है. मुजफ्फरपुर जिले में सबसे पहले इसे प्रयोग में लाया गया है. जूम के माध्यम से जुड़े स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि अगर हमें बिहार को स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में आगे देखना है, तो ऐसी योजना पर काम करना होगा. इस पोर्टल के आने से सूचना का आदान-प्रदान, पेपरलेस, पारदर्शिता, मॉनिटरिंग आसान हो जायेगी, यह आमजन के लिए भी काफी असरदार सिद्ध होगा.

हर मरीज का होगा अपना आइडी

रोडिक के निदेशक प्रकाश कुमार ने कहा कि इस पोर्टल में हर मरीज का अपना आइडी होगा. इसके तहत वह अपना इलाज पेपरलेस तरीके से स्वास्थ्य केंद्रों में करा सकेगा. इसके अलावा डॉक्टर का पुर्जा, लैब रिपोर्ट सहित अन्य जरूरी कागजात भी उसमें सुरक्षित रहेंगे. इसके अलावा महामारी फैलने वाली स्थिति में महामारी प्रबंधन में इससे सहायता मिलेगी.

अगले साल से जिला अस्पतालों को मिलेगा पुरस्कार

ईडी संजय कुमार सिंह ने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों को पुरस्कार देने के अलावा अब विभाग सात-आठ सुविधाओं में बेहतर करने वाले जिला अस्पताल को भी पुरस्कृत करेगा. यह पुरस्कार बेस्ट इन पीडियाट्रिक, बेस्ट इन ऑर्थाे, बेस्ट इन मेडिसिन आदि क्षेत्रों में दिया जायेगा. राज्य स्वास्थ्य समिति में उप सचिव संजीव शेखर प्रियदर्शी ने कहा कि कुल 18 तरह के मॉड्यूल पर चिकित्सक तथा नर्सों को प्रशिक्षण दिया जायेगा. इस प्रशिक्षण को प्राप्त करने के बाद वे मेंटर के तौर पर अन्य जिलों में भी प्रशिक्षण दे सकते हैं.

1500 डॉक्टर नर्स बनेंगे मास्टर ट्रेनर

प्रशिक्षण के लिए 264 सेशन प्लान है. 1500 डॉक्टर व नर्स मास्टर ट्रेनर को प्रशिक्षण दिया जायेगा. ये मास्टर ट्रेनर सूबे के 38 जिलों में जाकर ट्रेनिंग देंगे. मौके पर डीडीसी आशुतोष द्विवेदी, सिविल सर्जन डॉ यूसी शर्मा, एसीएमओ डॉ सुभाष प्रसाद सिंह, डीपीएम रेहान अशरफ, राज्य स्वास्थ्य समिति के उप सचिव संदीप शेखर प्रियदर्शी, राज्य स्वास्थ्य समिति आइटी सेल से अरविंद कुमार सहित सभी एमओआइसी और स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित थे.

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