नई दिल्ली : आर्थिक तंगी की मार झेल रहा भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बोल बदल गए हैं. उन्होंने एक साक्षात्कार के दौरान माना कि हमने (पाकिस्तान) भारत के साथ तीन युद्ध लड़ने के बाद अपना सबक पूरी तरह से सीख लिया है. अल अरबिया टीवी को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान एक पड़ोसी हैं और दोनों को एक-दूसरे के साथ अच्छे रिश्ते बनाकर रहना है. उन्होंने माना कि भारत के साथ तीन युद्ध लड़ने के बाद पाकिस्तान गरीबी और बेरोजगारी की मार झेल रहा है. हमने अपना सबक सीख लिया है. अब हम शांति से जीना चाहते हैं और अपनी समस्याओं का हल निकालना चाहते हैं.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि हम पाकिस्तान में व्याप्त गरीबी को दूर करना चाहते हैं और देश में खुशहाली लाना चाहते हैं. हम अपने निवासियों को अच्छी शिक्षा, अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं और रोजगार देना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि हम अपने संसाधनों को बम और गोला-बारूद पर बर्बाद करना नहीं चाहते हैं. मैं यही संदेश अपने पड़ोसी देश भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देना चाहता हूं.
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि हमारे पास इंजीनियर, डॉक्टर और कुशल श्रमिकों की कमी नहीं है. मैं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहना चाहता हूं कि हम इन सबका इस्तेमाल देश की तरक्की के लिए करना चाहते हैं, ताकि क्षेत्र में शांति बहाल हो सके और दोनों पड़ोसी विकास करें. उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को सुधारने में संयुक्त अरब अमीरात की भूमिका अहम है. उन्होंने कहा कि सऊदी अरब एक मित्र राष्ट्र है और पाकिस्तान के साथ उसका सदियों से रिश्ते अच्छे हैं. पाकिस्तान का उदय होने से पहले ही सऊदी अरब के साथ हमारे संबंध भाईचारे वाले थे. हम मक्का-मदीना की यात्रा किया करते हैं.
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पाकिस्तानी पीएम एक तरफ भारत से दोस्ती की बात कर रहे हैं, तो कश्मीर के मुद्दे पर आग उगल रहे हैं. साक्षात्कार के दौरान कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा कि मैं प्रधानमंत्री मोदी से कहना चाहता हूं कि कश्मीर में जो कुछ हो रहा है, उसे रोका जाना चाहिए. कश्मीर में मानवाधिकारों का उल्लंघन बंद हो. उन्होंने भारत से अपील की है कि हमें आपसी रिश्तों को सुधारने के लिए वार्ता करनी चाहिए.