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आयुष्मान का बढ़ा पैकेज, हड्डी रोग के इलाज में 40 तो हृदय रोग के उपचार में बढ़े 16 हजार रुपये, ऐसे मिलेगा लाभ

प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के इलाज कराने वाले मरीजों के लिए अच्छी खबर है, क्योंकि अब इन लाभार्थियों के लिए इलाज की राह और भी आसान हो गयी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आयुष्मान के तहत कवर होने वाले रोगों के इलाज के पैकेज में 10 से 57 प्रतिशत तक बढ़ोतरी कर दी है.

आनंद तिवारी, पटना

प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के इलाज कराने वाले मरीजों के लिए अच्छी खबर है, क्योंकि अब इन लाभार्थियों के लिए इलाज की राह और भी आसान हो गयी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आयुष्मान के तहत कवर होने वाले रोगों के इलाज के पैकेज में 10 से 57 प्रतिशत तक बढ़ोतरी कर दी है. सबसे अधिक बढ़ोतरी हड्डी रोग में 40 हजार और हृदय रोगों के इलाज में करीब 16 हजार रुपये तक खर्च में बढ़ोतरी की गयी है. जानकारों की मानें, तो इस नयी व्यवस्था से मरीजों के साथ डॉक्टरों के लिए भी काफी सहूलियत बढ़ेगी.

डॉक्टर व अस्पताल प्रबंधकों की मांग पर बढ़ी पैकेज की धनराशि

आयुष्मान योजना में पंजीकृत मरीजों की मनपसंद सरकारी, प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने की आजादी है. इसके जरिये बीमारियों की संख्या भी बढ़ाकर 1660 कर दी गयी है. अब इतनी बीमारियों में पांच लाख रुपये तक का इलाज मरीज और आश्रित पा सकते हैं. इसके तहत बीमारियों के हिसाब से इलाज का पैकेज तय किया गया है. इसमें तय पैकेज के अनुसार ही रोगों का इलाज होता है, लेकिन पैकेज कम होने की दशा में डॉक्टरों को खास रोगों के इलाज में काफी दिक्कत आ रही थी. ऐसे में डॉक्टरों ने मर्ज के हिसाब से पैकेज की रकम बढ़ाने की मांग की, इसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीमारियों का नया पैकेज जारी कर दिया है.

2300 से 40 हजार रुपये तक बढ़ी राशि

सबसे ज्यादा हड्डी व हृदय रोगों के पैकेज में इजाफा किया गया है. पहले हड्डी रोग से जुड़ी बीमारियों के इलाज पर अधिकतम 70 हजार रुपये खर्च था. इसे अब 1 लाख 10 हजार 150 रुपये कर दिया गया है. इसी क्रम में दिल से जुड़ी बीमारियों के लिए अधिकतम 98 हजार 900 रुपये तय किये गये थे. इसे भी बढ़ाकर 1 लाख 14 हजार 400 रुपये कर दिया गया है. इसी प्रकार नेत्र रोग के इलाज में भी 75 हजार से बढ़ाकर 83 हजार रुपये कर दिया गया है. इसके अलावा स्त्री एवं प्रसूति रोग, जनरल वार्ड, आइसीयू और वेंटिलेटर के पैकेज में भी बढ़ोतरी कर दी गयी है.

जिले में 3.40 लाख लोगों का बना है कार्ड

पटना जिले में पांच लाख 55 हजार 543 परिवारोंं के 29 लाख 90 हजार 294 गरीब कार्ड के लिए सूचीबद्ध हैं. इनमें से अब तक तीन लाख 40 हजार से अधिक परिवारों का कार्ड बना है. इससे अब तक करीब 60 हजार से अधिक लोग मुफ्त में इलाज भी करा चुके हैं. करीब 200 सरकारी व प्राइवेट अस्प्ताल योजना के तहत पंजीकृत हैं.

डॉक्टर व मरीजों को मिल रही सहुलियत

सिविल सर्जन डॉ केके राय ने कहा कि डॉक्टर व मरीजों की सुविधा को देखते हुए बीमारी के लिहाज से पैकेज बढ़ाये गये हैं. साथ ही बीमारियों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. इससे सभी को काफी सहूलियत होगी. नये पैकेज के अनुसार कई मरीजों को इलाज मुहैया कराया जा रहा है. इसके अलावा अभियान चलाकर गोल्डन कार्ड व अस्पतालों को सूचीबद्ध किया जा रहा है.

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