औरंगाबाद. मां सतबहिनी की प्रसिद्धि को राष्ट्रीय स्तर तक प्रचारित करने व मां की महिमा का प्रकाश दूर-दूर तक फैलाने के उद्देश्य से आयोजित दो दिवसीय अंबे महोत्सव का आगाज बुधवार को मां की पूजन व भव्य कलश यात्रा के साथ हुआ. जिला प्रशासन व प्रतिनिधियों द्वारा अंबा में आयोजित अंबे महोत्सव की झांकी से हर कोई मन मुग्ध हो गया. आकर्षक झांकी के साथ नगर भ्रमण हुआ. प्रखंड प्रशासन की देखरेख में आयोजित महोत्सव में प्रखंड के जनप्रतिनिधी, सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी व विभिन्न शिक्षण संस्थानों के शिक्षक व बच्चों ने अहम भूमिका निभायी. गायत्री परिवार अंबा के शिक्षक सुनील मिश्रा के नेतृत्व में गाजे-बाजे के साथ निकाली गयी कलश यात्रा व विभिन्न शिक्षण संस्थानों द्वारा अलग-अलग निकाली गयी झांकी की शोभा देखते ही बन रही थी. कार्यक्रम में रंग -बिरंगे वस्त्र धारण किये महिला श्रद्धालु माथे मर कलश लिए हुए शोभा यात्रा में शामिल हुए.
बुधवार की सुबह सतबहिनी मंदिर के समीप से निकाली गई शोभायात्रा अंबा के प्रमुख मार्गों पर भ्रमण करते हुए हरदात्ता स्थित बटाने नदी घाट पहुंची. आचार्य संतोष शास्त्री द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच जल भरी की रस्म पूरी करायी गयी. शोभायात्रा में बच्चों द्वारा प्रस्तुत झांकी को देखने के लिए हजारों की संख्या में नर-नारी सड़क पर पहुंचे. ऐसे में बाजार में जाम की स्थिति बन गयी. हालांकि अंबा व रिसियप की पुलिस के साथ प्रखंड प्रशासन एवं महोत्सव से जुड़े लोगों के प्रयास से आवागमन बहाल रखा गया. कलशयात्रा में सैकड़ों लोगों ने भाग लिया. विदित हो कि वर्ष 2004 से लगातार अंबे महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है.
संत जोसेफ पब्लिक स्कूल के बच्चों ने शोभा यात्रा के दौरान झांकी प्रस्तुत कर सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक किया. इस क्रम में झांकी के माध्यम से बच्चों ने यातायात नियमों का पालन करने का सुझाव दिया. स्कूल के डायरेक्टर दिलीप गुप्ता एवं अनूप कुमार के नेतृत्व में विद्यालय के सैकड़ों बच्चे हाथ में तख्ती व बैनर लिए में झांकी में भाग लिये. प्राचार्य हिमांशु कुमार व रामजीत सिंह के साथ अन्य शिक्षकों ने झांकी के दौरान बच्चों को मॉनीटरिंग करते रहे.
झांकी में स्कूली बच्चों ने अलग-अलग वेश-भूषा में लोगों को अपनी सभ्यता एवं संस्कृति का संदेश दिया. संत जेवियर्स स्कूल अंबा के बच्चों ने झांकी के माध्यम से बताया कि धरती हमारी मां है और इसे सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी हम सब पर है. रासायनिक उर्वरक एवं कीटनाशक दवाओं के लगातार प्रयोग से मिट्टी बंजर होती जा रही है. इसके साथ ही वृक्षों की लगातार कटाव भी पृथ्वी के लिए नुकसान है. स्कूल के प्राचार्य कविता सिंह के नेतृत्व में निकाली गयी झांकी के साथ सैकड़ों स्कूली बच्चे व शिक्षक भाग लिये.
आज के वैज्ञानिक युग में छोटे-छोटे बच्चे भी विज्ञान के प्रति जागरूक हो रहे हैं. यहां तक कि बच्चे दूसरों को भी इसकी जानकारी देने में जुटे हैं. बुधवार को अंबे महोत्सव के दौरान निकाली गयी. शोभायात्रा में टैगोर विद्यापीठ के बच्चों ने झांकी के माध्यम से पोखरण परमाणु परीक्षण का दृश्य दिखाया. स्कूल के डायरेक्टर विजय कश्यप के नेतृत्व में निकाली गयी झांकी के लोगों ने सराहना की. छोटे बच्चे द्वारा विज्ञान को लेकर निकाली गयी इस झांकी की लोगों ने सराहना की. यात्रा में झांकी के साथ साथ सैकड़ों बच्चे व शिक्षक भी शामिल हुए.
डीएनएन पब्लिक स्कूल के बच्चों ने झांकी के माध्यम से किसानों का हाल लोगों के बीच प्रस्तुत किया. किसान किस तरह कड़ी मेहनत कर अनाज का उत्पादन करते हैं. बच्चों ने खेती से जुड़े कई प्रकरण को दिखाने का प्रयास किया. इतना ही नहीं वर्तमान समय में किसानों की फटेहाल स्थिति का भी चित्रण किया गया. स्कूल के निदेशक रिंकू सिंह के नेतृत्व में निकाली गयी झांकी का लोगों ने सराहना की. उन्होंने बताया कि झांकी की तैयारी में स्कूल के सभी शिक्षकों का भरपूर योगदान रहा है. शोभा यात्रा में प्रशासन द्वारा निकाली गई राधा कृष्ण की झांकी सराहनीय रही.
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यात्रा में शामिल हुए चौखड़ा के बच्चों ने जल जीवन हरियाली से संबंधित झांकी प्रस्तुत किया. इस माध्यम से बच्चों ने यह बताने का प्रयास किया कि जीवन को सुरक्षित रखने के लिए पेड़ पौधे जरूरी है. कार्यक्रम का नेतृत्व हेडमास्टर वीरेंद्र कुमार केशव व शिक्षक धंनजय सिंह ने किया. वहीं मिडिल स्कूल रति खाप के बच्चे देवी मां के रूप में दिखे. इस दौरान बच्चों ने यह संदेश दिया कि नारी देवी के स्वरूप हैं. ऐसे में सबको नारी का सम्मान करना चाहिए.