पटना. बिहार सरकार फरवरी में तीसरे चरण का विशेष भू-सर्वेक्षण शुरू करेगी. इसकी तैयारी चल रही है. इस चरण में 13 जिलों के 205 अंचलों में जमीन का सर्वे किया जायेगा. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इसके लिए व्यापक कार्य योजना तैयार की है. साथ ही जमीन सर्वेक्षण में लगे कर्मचारियों के वेतनवृद्धि पर विचार हो रहा है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इसके लिए राज्य सरकार से अनुरोध किया है. यही नहीं यात्रा भत्ता को लेकर भी सकारात्मक पहल की जा रही है. विभाग के सचिव जय कुमार सिंह ने हड़ताल पर गये संविदाकर्मियों से अपने कार्यपर वापस आने की अपील की है. साथ ही हड़ताल कर रहेकर्मियों को यह भी कहा गया है कि उन्हें दंडित भी किया जा सकता है.
इस समय 20 जिलों में जमीन सर्वेक्षण का कार्य चल रहा है. इन जिलों के 89 अंचलों के 208 शिविरों में के तहत 4989 गांवों में विशेष सर्वेक्षण का कार्य हो रहा है. अभी इस काम में 2729 विशेष सर्वेक्षण अमीन, 282 कानूनगो एवं 164 विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारियों को लगाया गया है. बताया जाता है कि कार्यबल उपलब्ध होने पर तीसरे चरण के साथ चौथे चरण के सर्वे को शुरू करने की भी योजना तैयार की जा रही है. जमीन सर्वे के पहले चरण में किशनगंज, कटिहार, बेगूसराय, खगड़िया, लखीसराय, जहानाबाद, शेखपुरा, अररिया, पूर्णिया, सीतामढ़ी, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, पश्चिम चंपारण, जमुई, मुंगेर, नालंदा, शिवहर, बांका व अरवल जिले में सर्वे का काम हो रहा है.
बिहार में अबतक लगभग 4000 गांवों में किस्तवार, 1200 गांवों में कानापुरी, 800 गांवों में खेसरा पंजी का निर्माण कर 700 राजस्व गांवों में रैयतों के मध्य खानापुरी पर्चा व एलपीएम का वितरण किया गया है. दूसरे चरण में इन्ही जिलों के शेष 131 अंचलों के 9600 गांवों में काम हो रहा है. यहां 5000 गांवों में खतियान की विवरणी तैयार की गयी है. इस चरण का कार्य इस साल अगस्त तक पूरा होगा. इन कार्यों के लिए 6875 पद स्वीकृत किये गये हैं. इनमें 4130 विशेष सर्वेक्षण कर्मी कार्य कर रहे हैं.