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Bikru Case: खुशी दुबे की जेल से आज हो सकती है रिहाई, जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड से जारी होगा आदेश

बिकरू हत्याकांड में आरोपी अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को आज जेल से रिहाई मिल सकती है. कोर्ट से जमानत मिलने के बाद बचाव पक्ष ने कोर्ट में जमानत प्रपत्र दाखिल किए थे, जिसके सत्यापन प्रक्रिया के लिए पनकी, नौबस्ता थाने, बैंक और रजिस्ट्री कार्यालय में कागजात भेजे थे, जिनमें कुछ की रिपोर्ट आ चुकी है.

Kanpur News: बिकरू हत्याकांड में आरोपी अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को जमानत मिलने के बाद भी रिहाई का इंतजार है. हालांकि, खुशी की रिहाई का समय अब नजदीक आ गया है. सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद बचाव पक्ष ने कोर्ट में जमानत प्रपत्र दाखिल किए थे, जिसके सत्यापन प्रक्रिया के लिए पनकी, नौबस्ता थाने, बैंक और रजिस्ट्री कार्यालय में कागजात भेजे थे, जिसमें अब सिर्फ रजिस्ट्री ऑफिस से सत्यापन रिपोर्ट आना बाकी है.

आज खुशी दुबे को मिल सकती है जेल से रिहाई

बुधवार को पनकी और नौबस्ता थाने से सत्यापन रिपोर्ट कोर्ट भेजी गई थी. गुरुवार को पनकी थाना प्रभारी ने कोर्ट में उपस्थित होकर सत्यापन रिपोर्ट भेजने का प्रार्थना पत्र दिया है. इसके साथ ही डाक से बैंक की रिपोर्ट भी आ गई है. ऐसे में अब सिर्फ रजिस्ट्री कार्यालय से सत्यापन रिपोर्ट आना बाकी है. जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में जमानतों के सभी सत्यापन आ जाने के बाद शुक्रवार यानी आज रिहाई का आदेश जेल भेजा जाएगा. सेशन कोर्ट में भी शुक्रवार को रजिस्ट्री ऑफिस से अंतिम सत्यापन आने की पूरी संभावना है. ऐसे में आज खुशी की रिहाई संभव है.

ब‍िकरू कांड में जमानत पाने वाली खुशी दुबे पहली आरोपित

दरअसल, बिकरू कांड में मुख्‍य आरोप‍ित विकास दुबे के भतीजे अमर दुबे की पत्‍नी खुशी दुबे को सुप्रीम कोर्ट से 4 जनवरी को जमानत मिली थी. जमानत की सुनवाई से पहले यूपी सरकार ने खुशी दुबे की जमानत का विरोध करते हुए अपना जवाब कोर्ट में दाख‍िल किया था. इसके साथ ही बिकरू कांड में शहीद हुए पुलिसकर्मियों के परिजनों ने भी खुशी दुबे को जमानत दिए जाने को लेकर विरोध दर्ज किया गया था. ब‍िकरू कांड में जमानत पाने वाली खुशी दुबे पहली आरोप‍ित हैं.

ब‍िकरू कांड के समय खुशी की उम्र 17 वर्ष से भी कम थी

सुप्रीम कोर्ट में खुशी की जमानत का विरोध करते हुए सरकार ने कहा था कि, आरोपित के बाहर आने से विकास दुबे का गिरोह एक बार फिर से सक्रिय हो सकता है. इस पर कोर्ट ने कहा कि, जिस समय घटना हुई थी उस समय खुशी की उम्र 17 वर्ष से भी कम थी. ऐसे में अब 30 महीने बाद खुशी दुबे के जेल से बाहर आने का रास्‍ता साफ हो गया है. कोर्ट ने खुशी को जमानत देते हुए कहा कि, अब इस केस में ट्रायल शुरू हो गया है. लिहाजा उसे अब जेल में रखने की जरूरत नहीं है. इसके साथ ही खुशी को हर हफ्ते संबंधित थाने में हाजिरी लगाने को भी कहा है.

दो और तीन जुलाई 2020 को हुआ था बिकरू कांड

बता दें कि, 2-3 जुलाई 2020 की रात को कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत बिकरु गांव में गैंगस्टर विकास दुबे के घर पुलिस की टीम दबिश देने पहुंची थी. इस दौरान घात लगाए बैठे विकास दुबे और उसके गुर्गों ने पुलिस टीम पर गोलियों से हमला बोल दिया था. इस कांड में एसीपी समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे.

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