पटना. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरितमानस पर विवादित बयान देने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि जदयू के पूर्व एमएलसी गुलाम रसूल बलियावी के एक बयान ने गठबंधन के अंदर बयानबाजी के एक नये दौड़ की शुरुआत कर दी है. जदयू के पूर्व विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी की ओर से हजारीबाग में एक सभा दौरान दिये गये विवादित बयान को राजद ने आपत्तिजनक बनाया है. गठबंधन के अंदर सियासी बयानबाजी इतनी तीखी हो गई है कि राष्ट्रीय जनता दल ने जदयू नेता बलियाली की भाषा को आतंकी भाषा करार दिया है और नीतीश कुमार से कार्रवाई करने की मांग की है.
राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने जदयू नेता पर हमला करते हुए कहा कि जिस तरह का बयान बलियावी ने झारखंड में दिया है, वह कहीं से भी उचित नहीं है. राष्ट्रीय जनता दल सभी धर्म सभी वर्ग के लोगों का सम्मान करती है. महागठबंधन में जनता दल यूनाइटेड भी है. जनता दल यूनाइटेड के नेतृत्वकर्ता ने भी अपने नेता गुलाम रसूल बलियावी के बयान को देखा होगा, हम मानते हैं कि जदयू ऐसे बयानवीरों पर लगाम लगाने में सक्षम है. राजद नेता ने कहा कि भाषाई आतंक किसी को भी नहीं फैलाना चाहिए.
राजद नेता ने कहा कि राजनेताओं को इस तरह का बयान देने से परहेज करना चाहिए. कोई भी सभ्य समाज और राजनीतिक दल ऐसे बयान का समर्थन नहीं कर सकता है. मुझे विश्वास है कि जदयू का नेतृत्व इस पूरे मामले पर जरूर संज्ञान लेगा. तिवारी ने कहा कि गुलाम रसूल बलियावी को पता होना चाहिए कि ऐसे बयान देने वालों पर भारतीय जनता पार्टी ने भी कार्रवाई की थी. फिर क्या कारण है कि उन्होंने इस तरह का बयान दिये?
मालूम हो कि मौलाना गुलाम रसूल हजारीबाग के दौरे पर आये थे. इस दौरान एक सभा में उन्होंने भाजपा से बर्खास्त नेता नुपूर शर्मा के खिलाफ जमकर आग उगला था. अपने भाषण में खूब भड़काऊ शब्दों का प्रयोग किया. जदयू नेता ने कहा कि अगर हमारे आका की इज्जत पर हाथ डाला, तो शहरों को कर्बला बना दिया जाएगा. गुलाम रसूल के इस बयान के बाद बिहार और झारखंड की राजनीति गरम हो चुकी है. भाजपा के नेता मोरचा खोल चुके हैं, इधर राजद ने भी जदयू पर कार्रवाई का दबाव बना दिया है.