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Jharkhand News: पश्चिमी सिंहभूम के टोंटो में IED ब्लास्ट से कोबरा का एक जवान घायल, एयरलिफ्ट कर लाया गया रांची

पश्चिमी सिंहभूम के टोंटो स्थित तुम्बाहाका जंगल में IED विस्फोट की चपेट में आने से कोबरा का एक जवान चिंरजीवी परते घायल हो गया है. तत्काल घायल जवान को एयरलिफ्ट कर बेहतर इलाज के लिए रांची लाया गया. इधर, एसपी आशुतोष शेखर ने कहा कि सुरक्षा बलों ने जंगल में नक्सलियों के शीर्ष नेताओं को घेर रखा है.

Jharkhand News: पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत सारंडा वन क्षेत्र के टोंटो थाना स्थित तुम्बाहाका जंगल में नक्सलियों के बिछाये भूमिगत विस्फोटक (IED) की चपेट में आने से ऑपरेशन चला रहे कोबरा बटालियन-302 का एक जवान जख्मी हो गया. जख्मी जवान की पहचान मध्य प्रदेश निवासी चिरंजीवी परते के रूप में हुई है. घटना के बाद सुरक्षा बलों ने चिरंजीवी को हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट कर रांची भेजा गया. इसकी पुष्टि एसपी आशुतोष शेखर ने की है.

नक्सली अब पुलिस का मुकाबला नहीं कर पा रहे : एसपी

एसपी श्री शेखर ने बताया कि प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी के बड़े नेता तुम्बाहाका के जंगल में कई दिनों से छुपे हैं. उन्हें पकड़ने के लिए सुरक्षा बल लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही है. इसी दौरान नक्सलियों के बिछाये भूमिगत विस्फोटक की चपेट में आकर एक जवान जख्मी हुआ है. उन्होंने कहा कि नक्सली अब पुलिस का मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं. पिछले कई दिनों से सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के शीर्ष नेता अनल दा, मिसिर बेसरा, प्रमोद मिश्रा, असीम मंडल, अजय महतो, मोछू, चमन, अश्विन, सोनाराम होनहागा, श्याम अंगरिया को जंगल में घेरकर रखा है. वह बाहर नहीं निकल पा रहे हैं.

10 दिनों में तीसरी घटना, 10 जवान हुए जख्मी

पिछले 10 दिनों में तुम्बाहाका के जंगल में तीसरी बार IED विस्फोट हुआ है. अब तक 10 जवान बम ब्लास्ट में घायल हो चुके हैं. इसके पहले उसी जंगल में 11 जनवरी, 2023 को छह जवान IED की चपेट में आये थे. वहीं 12 जनवरी, 2023 को इसी इलाके में तीन जवान IED ब्लास्ट में घायल हुए थे.

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शीर्ष नेताओं को बचाने के लिए नक्सलियों ने बम प्लांट कर रखा है

मालूम हो कि नक्सली अपने नेता को सुरक्षा बलों से बचाने के लिए जंगल और पहाड़ी इलाके में भूमिगत बम लगाकर रखते हैं. सुरक्षा बल उस रास्ते से बढ़े, तो विस्फोट हो. इससे नक्सली सतर्क हो जाते हैं, वहीं ऑपरेशन कुछ समय के लिए बाधित हो जाता है. विस्फोट की आवाज सुनकर नक्सली अपना ठिकाना बदल रहे हैं. नक्सलियों द्वारा लगाये भूमिगत विस्फोटक के कारण पुलिस नक्सलियों तक नहीं पहुंच पा रही है.

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