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पटना में इतने लाख परिवार होने का अनुमान, जातीय गणना की प्रगति रिपोर्ट का पहला डाटा आया सामने

वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार पटना जिले की जनसंख्या 58,38,465 थी और परिवारों की संख्या 9,75,578 थी. दशकीय वृद्धि दर (25.7%) को ध्यान में रखते हुए और मिड इयर पॉपुलेशन सांख्यिकीय इंडिकेटर के अनुसार पटना की अनुमानित जनसंख्या वर्ष 2022 में लगभग 75 लाख आंकी गयी.

पटना: डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने शुक्रवार को को जाति गणना में प्रगति की समीक्षा की. इसमें बताया गया कि सर्वेक्षित परिवारों की संख्या 13,97,484 है. इनमें 43,476 परिवारों का सर्वेक्षण शुक्रवार को किया गया. जिला प्रशासन की ओर बताया गया कि जाति गणना के लिए जिले में परिवारों की प्रारंभिक अनुमानित संख्या 20.06 लाख मानी गयी थी.

लेकिन, परिवारों की वास्तविक संख्या प्रगणकों व पर्यवेक्षकों द्वारा क्षेत्र भ्रमण व गणना से पता चलता है कि जिले में परिवारों की संख्या 15 लाख तक ही रहेगी. चूंकि अब गणना कार्य में एक दिन शेष रह गया है और परिवारों की संख्या 13. 97 लाख के करीब पहुंची है. ऐसे में अब संख्या 15 लाख के पार नहीं जायेगी.

अनुमान से पांच लाख कम संख्या

वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार पटना जिले की जनसंख्या 58,38,465 थी और परिवारों की संख्या 9,75,578 थी. दशकीय वृद्धि दर (25.7%) को ध्यान में रखते हुए और मिड इयर पॉपुलेशन सांख्यिकीय इंडिकेटर के अनुसार पटना की अनुमानित जनसंख्या वर्ष 2022 में लगभग 75 लाख आंकी गयी.

700 की आबादी पर एक गणना ब्लॉक

जातीय गणना के लिए 700 की आबादी पर एक गणना ब्लॉक का निर्माण किया गया. 12,696 गणना ब्लॉक का निर्माण किया गया. राष्ट्रीय मानकों के अनुसार एक परिवार में 4.2 व्यक्ति आते हैं. एक गणना ब्लॉक में लगभग 150 परिवार माना गया, इस प्रकार 12,696 ब्लॉक में लगभग 20 लाख परिवार माना गया. लेकिन अब वास्तविक गणना के आधार पर संख्या कम हो रही है.

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