मौनी अमावास्या का त्योहार आज शनिवार को पूरे बिहार में धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक मनाया जा रहा है. शनिवार के दिन पड़ने वाली इस अमावस्या को शनिश्चरी अमावस्या भी कहा जाता है.
माघ मास की अमावस्या तिथि को मनाए जाने वाले इस पर्व के दिन स्नान व दान का विशेष महत्व होता है. इसके अलावे इसी दिन मिथिला का शिवभक्त विशेष कांवर लेकर भागलपुर के सुलतानगंज से बाबाधाम के लिए रवना होते हैं.
यह तस्वीर सुलतानगंज के गंगा घाट की है. यहां मिथिला के कांवरियां गंगा स्नान कर विशेष कांवर को लेकर बाबाधाम के लिए रवाना हुए.
सुलतानगंज के अजगैबीनाथ मंदिर के पास गंगा घाट पर मिथिला के शिवभक्तों ने गंगा में डूबकी लगाने के बाद धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक कांवर की पूजा-अर्चना की. इसके बाद वे लोग पैदल पथ होते हुए देवघर के बाबाधाम के लिए रवाना हुए.
बता दें कि माघ मास में मिथिला खासकर दरभंगा, समस्तीपुर और मधुबनी के लोग खास तौर पर बनाये गए कांवर को लेकर बाबाधाम जाते हैं. बता दें कि सावन के बाद माघ मास में भी सुलतानगंज शिवभक्तों से गुलजार रहता है.
यह तस्वीर बक्सर की है. मौनी अमावस्या पर उत्तरी बिहार व नेपाल के कई जिलों से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का जत्था बक्सर पहुंचा है. भी श्रद्धालु किला मैदान में ठहरे हुए हैं, जो शनिवार की अहले सुबह रामरेखा घाट पर गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना के बाद दान आदि किया.
पटना में भी मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. लोगों ने ठंड के बावजूद विभिन्न गंगा घाट पर स्नान करने के बाद भगवान की पूजा-अर्चना की. इसके बाद श्रद्धालुओं ने दान भी किया.