झारखंड की राजधानी रांची के मोरहाबादी 26 जनवरी को आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस परेड (Morabadi Republic Day Parade) में पहली बार आयुष विभाग की झांकी दिखेगी. झांकी में Rope Yoga (रस्सी पर योग) के साथ-साथ सूर्य नमस्कार और अन्य योग क्रियाएं देखने को मिलेंगी. बिहार से अलग होकर झारखंड के अस्तित्व में आने के 22 साल बाद यह पहला मौका होगा, जब आयुष (AYUSH) की झांकी को गणतंत्र दिवस परेड (Republic Day Parade) में शामिल किये जाने से विभाग के अधिकारी बेहद खुश और उत्साहित हैं.
आयुष विभाग के अधिकारियों ने बताया कि परेड देखने आने वालों को शानदार अनुभव मिलेगा. रांची के जेल रोड स्थित राज्य योग केंद्र (Rajya Yoga Kendra) में इसकी तैयारी चल रही है. आयुष विभाग (AYUSH Department Jharkhand) की इस झांकी में चिकित्सा की हर देसी विधा से लोगों का परिचय कराया जायेगा. इसमें निरोग रहने की सबसे कारगर क्रिया ‘योग’ का प्रदर्शन होगा, तो जड़ी-बूटियों से दवा बनाने वाले आयुर्वेद (Ayurved) के चिकित्सक भी झांकी में शामिल रहेंगे.
होमियोपैथी (Homeopathy), यूनानी (Unani) और सिद्धा (Siddha) के बारे में भी लोगों को बताया जायेगा. अधिकारी ने बताया कि ‘रस्सी पर योग’ (Rope Yoga) इस बार झारखंड में आयोजित गणतंत्र दिवस परेड में आकर्षण का केंद्र होगा. आयुष का एक ही टैब्लो (Tablaux of AYUSH) होगा, जिसमें देसी चिकित्सा की सभी पांच पद्धतियों (आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्धा और होमियोपैथ) के बारे में लोग जान सकेंगे.
आयुष विभाग में कार्यरत एक योग प्रशिक्षक ने बताया कि परेड में कम से कम 50 विद्यार्थी योग का प्रदर्शन करेंगे. इसमें सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) के अलावा रिदमिक योगा (Rythemic Yoga) यानी संगीत की धुन पर योग होगा. संगीत की धुन पर ही अलग-अलग पोश्चर में पिरामिड (Pyramid) बनाये जायेंगे. परेड देखने के लिए मोरहाबादी आने वाले लोग 26 जनवरी की परेड में तिरंगा की लहर (Tiranga Wave) का भी आनंद ले सकेंगे.
आयुष विभाग के एक वरीय अधिकारी ने बताया कि एक ही ट्रक पर आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्धा और होमियोपैथी का प्रदर्शन किया जायेगा. इस वाहन पर ऋषि-मुनि दवा बनाते नजर आयेंगे, तो औषधीय पौधों (Medicinal Plants) का भी प्रदर्शन किया जायेगा. पहियों पर चलते हुए टेलर पर लोग दवा की प्रयोगशाला भी देख सकेंगे.
इस झांकी में पंचकर्म से लेकर मसाज थेरेपी और होमियोपैथ से लेकर यूनानी चिकित्सा पद्धति तक के दर्शन लोगों को होंगे. आयुष के बारे में लोगों को जानकारी देने के साथ-साथ यह विभाग अपनी उपलब्धियों के बारे में भी पूरे राज्य को बतायेगा. बता दें कि झारखंड में पिछले दिनों 200 सीएचओ की नियुक्ति हुई है. ये लोग भी झांकी में शामिल होंगे.
उल्लेखनीय है कि वैश्विक महामारी कोरोना ने जब पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया, तो विश्व की सारी शक्तियों ने उसके आगे घुटने टेक दिये. बहुत के टीके बने, दवाओं का वितरण किया गया, लेकिन कोरोना पर काबू पाने में सफलता नहीं मिली. इस दौरान काढ़ा और जड़ी-बूटियों से निर्मित दवाओं ने कोरोना को कंट्रोल करने में सबसे प्रभावी भूमिका निभायी.
इसके बाद न केवल भारतीय चिकित्सा पद्धति पर लोगों का विश्वास बढ़ा, बल्कि भारत में भी आयुर्वेद और अन्य देसी चिकित्सा पद्धतियों, जिसमें योग, सिद्धा, यूनानी और होमियोपैथी शामिल है, को बीमारियों के इलाज में महत्व दिया जाने लगा. झारखंड में इसके पहले कभी आयुष विभाग में कभी नियुक्ति नहीं हुई थी. लेकिन, कोरोना संक्रमण के बाद 200 सीएचओ की नियुक्ति हुई है. विभाग इसे अपनी बड़ी उपलब्धि बता रहा है.
झारखंड सरकार ने भी पहली बार स्वदेशी चिकित्सा पर जोर दिया है. इसलिए झारखंड गठन के 22 साल बाद पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में आयुष विभाग की झांकी को शामिल किया गया है. इसके लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गयी है. इन सीनियर ऑफिसर्स की देख-रेख में झांकी की तैयारी चल रही है.
उल्लेखनीय है कि रांची स्थित पुरानी जेल के पीछे केंद्र सरकार के सहयोग से विशाल और भव्य राज्य योग केंद्र (State Yoga Center) की स्थापना हुई. यहां कुछ दिनों तक केंद्र सरकार की संस्था सीसीआरवाईएन (CCRYN) के सहयोग से प्राकृतिक चिकित्सा सेवा लोगों को दी गयी. लेकिन, कोरोना के दौरान इस केंद्र को बंद कर दिया गया. इसके बाद सरकार ने इसकी ओर बिल्कुल ही ध्यान नहीं दिया.
बता दें कि प्राकृतिक चिकित्सा की मदद से कई बुजुर्गों को गंभीर रोगों के इलाज में काफी फायदा मिला था. मिट्टी-पानी से होने वाली चिकित्सा उनके लिए काफी कारगर साबित हुई थी. निजी संस्थानों में प्राकृतिक चिकित्सा काफी महंगी है. लेकिन, भारत सरकार की संस्था के द्वारा राज्य सरकार के राज्य योग केंद्र में बहुत कम पैसे में नैचुरोपैथ (Naturopathy) की सुविधा मिल जाती थी.