भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने मंत्री आलोक मेहता के ’10 प्रतिशत वाले अंग्रेजों के जमाने में मंदिरों में घंटी बजाते थे’ के विवादास्पद बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि ऐसा लगता है जैसे राजद के मंत्रियों में गलतबयानी को लेकर कोई प्रतियोगिता चल रही है, लेकिन उनकी गलतबयानी से बिहार बदनाम हो रहा है. उन्होंने कहा कि आलोक मेहता का पूरा जीवन राजद में गुजरा है, इस कारण से वो राजद को ही ज्यादा जानते हैं.
बिहार को बदनाम नहीं करने का किया अनुरोध
संजय जायसवाल ने सवालिया लहजे में पूछा कि अंग्रेजों की घंटियां कौन बजाता था, यह जगदानंद सिंह तक सीमित है या शिवानंद तिवारी तक? उन्होंने मंत्रियों से अनुरोध करते हुए कहा कि वे बिहार को बदनाम करने का काम नहीं करें. जिस प्रकार शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर, सुरेंद्र यादव और अब आलोक मेहता बयान दे रहे हैं, उससे लगता है कि वे फिर से 1990 से 2005 तक जिस तरह बिहार का मजाक उड़ता था, वही स्थिति बनाने वाले हैं. उन्होंने कहा कि ये लोग बिहार के लोगों का अपमान करने का काम कर रहे हैं. भाजपा नेता ने राजद के मंत्रियों को नसीहत देते हुए कहा कि आपके पास सामान्य ज्ञान नहीं तो मुंह बंद रखे, ऐसी बातें न करें.
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राजद नेताओं की बुद्धि पर तरस आता है : संजय जायसवाल
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अगर आप लोगों को पता होता कि भगत सिंह, चंद्रशेखर, राजगुरु, सुभाष चंद्र बोस कौन थे, तो शायद आप यह बयान नहीं देते, लेकिन आपकी जानकारी जगदा बाबू के परिवार तक ही सीमित रही होगी क्योंकि शिवानंद तिवारी के परिवार के विषय में तो पूरा देश जानता है. अगर शिवानंद तिवारी के विषय में भी यही जानकारी है, तो आपकी बुद्धि पर तरस है.