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धनबाद में उपाध्यक्ष सहित 20 सूत्री समिति के सभी सदस्यों ने दिया इस्तीफा, अफसरशाही हावी होने का लगाया आरोप

धनबाद जिला 20 सूत्री समिति के सभी सदस्यों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दिया है. वहीं, सभी प्रखंडों के 20 सूत्री अध्यक्षों ने भी इस्तीफा दिया है. सभी का आरोप है कि धनबाद में अफसरशाही हावी है. इस कारण विकास कार्य नहीं के बराबर हो रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी नहीं चाहते सत्ता का विकेंद्रीकरण हो.

Jharkhand News: धनबाद जिला 20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के उपाध्यक्ष सहित सभी सदस्यों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है. सभी प्रखंडों के 20 सूत्री अध्यक्षों ने भी इस्तीफा देने की घोषणा की है. सभी ने कहा कि पूरे झारखंड खासकर धनबाद जिला में अफसरशाही हावी है. आम जनता तक कल्याणकारी योजनाएं नहीं पहुंच पा रही है. जिला 20-सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के उपाध्यक्ष ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में बैठक रविवार को सर्किट हाउस में हुई. इसमें जिला प्रशासन द्वारा धनबाद जिला 20 सूत्री कमेटी एवं प्रखंड 20 सूत्री कमेटी के प्रति उदासीनता और उपेक्षा करने का आरोप लगाया गया.

नजरअंदाज करने का लगाया आरोप

जिला उपाध्यक्ष ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि झारखंड सरकार के कल्याणकारी कार्यों को गति देने के साथ-साथ राज्य सरकार की योजनाओं को जिला के सभी प्रखंडों, पंचायतों एवं गांवों में धरातल पर उतारने एवं विकास के कार्यों में पारदर्शिता लाने को लेकर 20 सूत्री समितियां गठित की गयी थी. लेकिन, आज तक न जिला मुख्यालय और न ही प्रखंडों में 20 सूत्री कमेटियों को कार्यालय उपलब्ध कराया गया. उन्होंने जानबूझकर अनदेखी एवं नजरअंदाज करने का आरोप लगाया.

सीएम और प्रभारी मंत्री को भेजा संदेश

उन्होंने कहा कि झारखंड की महागठबंधन सरकार ने जिस उम्मीद के साथ में विकास कार्यों की मजबूत कड़ी में 20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति का गठन कर सभी 20-सूत्री सदस्यों को, जो दायित्व दिया है. वह अपने दायित्व का पूरी निष्ठा के साथ निर्वहण जिला प्रशासन की अनदेखी के कारण नहीं कर पा रहे हैं. जिला में अफसरशाही इतनी हावी है कि वह नहीं चाहते जिला एवं प्रखंड में 20 सूत्री सक्रिय रूप से कार्य करे. न ही सत्ता का विकेंद्रीकरण हो. धनबाद जिला में लगभग 14 महीना से 20 सूत्री की कोई बैठक नहीं हुई है. 20 सूत्री से संबंधित बैठकों एवं कार्यालय से संबंधित समस्याओं पर प्रभारी मंत्री भी गंभीर नहीं दिखे. जबकि नियमतः जिला बीस-सूत्री की बैठक दो महीना में एक बार एवं प्रखंड बीस सूत्री की बैठक महीना में एक बार बैठक कराने का प्रावधान है, पर जिला में 20 सूत्री गठन हुए लगभग पांच महीना बीत जाने के बावजूद जिला प्रशासन द्वारा कोई बैठक नहीं करायी गयी और न ही जिला व प्रखंड में 20 सूत्री का कार्यालय उपलब्ध कराया गया. इस्तीफा की विस्तृत जानकारी झारखंड में यूपीए समन्वय समिति के चेयरमैन शिबू सोरेन, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, झारखंड प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर को भी दे दी गयी.

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बैठक में इनकी रही उपस्थिति

बैठक में जिला 20 सूत्री समिति के सदस्य मदन महतो, शमशेर आलम, लक्ष्मण तिवारी, योगेंद्र सिंह योगी, राजू प्रमाणिक, उषा पासवान, हराधन रजवार, मोहम्मद कासिम अंसारी, जितेश सिंह, अनिल साव, पप्पू कुमार तिवारी, राजेंद्र किस्कू, आलमगीर असरफ, अजय रवानी, शमीम अंसारी, तरुण मुर्मू, अलितुर अंसारी के अलावा सभी प्रखंड बीस सूत्री समिति के अध्यक्ष एवं सदस्य उपस्थित थे.

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