23.9 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Subhash Chandra Bose Jayanti: कांग्रेस के अध्यक्ष चुने जाने के बाद भी नेताजी ने क्यों दे दिया था इस्तीफा?

सुभाष चंद्र बोस कांग्रेस के चुनाव में वोटिंग के जरिये अध्यक्ष चुने गये थे. लेकिन महात्मा गांधी को उनके अध्यक्ष चुने जाने पर आपत्ति थे, वे चाहते थे कांग्रेस का अध्यक्ष कोई ऐसा व्यक्ति बने जो हिंदू और मुसलमान को जोड़कर रखे.

सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर उनके व्यक्तित्व से जुड़ी कई कहानियां याद की जाती हैं. उनका व्यक्तित्व आज भी युवाओं में नयी ऊर्जा का संचार करता है. उनके नारे ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ की गूंज आज भी नसों में रक्त का संचार तेज करने की क्षमता रखती है. ऐसे में वह वाकया भी ध्यान आता है जब सुभाष चंद्र बोस ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था.

महात्मा गांधी की पसंद नहीं थे सुभाषचंद्र बोद

महात्मा गांधी यह चाहते थे कि कांग्रेस का अध्यक्ष पद उस व्यक्ति को मिले जो देश में सांप्रदायिक माहौल को बेहतर बना कर रख सके. वे यह चाहते थे कोई मुसलमान कांग्रेस का अध्यक्ष बने. यही वजह है कि उनकी पहली पसंद मौलाना अबुल कलाम आजाद थे. लेकिन मौलाना अबुल कलाम आजाद सुभाषचंद्र बोस के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे. वजह यह थी कि सुभाषचंद्र बोस की लोकप्रियता उस वक्त बहुत अधिक थी, इसलिए उन्होंने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था.

विचारधारा में था विरोध

महात्मा गांधी और सुभाषचंद्र बोस की विचारधारा अलग थी. सुभाषचंद्र बोस उग्र विचारधारा के पोषक थे. जबकि 1938 के दौर में कांग्रेस नरम रुख अख्तियार कर चुकी थी. महात्मा गांधी अहिंसावादी थे. यही वजह था कि जब मौलाना ने चुनाव लड़ने से मना किया तो महात्मा गांधी जवाहरलाल नेहरु को अध्यक्ष बनवाना चाहते थे, लेकिन अध्यक्ष पद की दावेदारी अंतत: पट्टाभि सीतारमैया ने की.

चुनाव जीतने के बाद नेताजी ने दिया इस्तीफा

कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर वोटिंग हुई और अंतत: जीत सुभाषचंद्र बोस की हुई, लेकिन वोटिंग में उन्हें महात्मा गांधी का वोट नहीं मिला. यहां तक कि चुनाव से पहले सुभाषचंद्र बोस से यह अपील भी गयी थी कि वे चुनाव से नाम वापस ले लें, लेकिन उन्होंने ऐसा किया नहीं. चुनाव परिणाम के आने के बाद जब गांधी जी ने यह कहा कि पट्टाभि की हार मेरी हार है, तो दोनों पक्षों में कड़वाहट बढ़ गयी और अंतत: त्रिपुरा अधिवेशन के बाद अप्रैल महीने में सुभाषचंद्र बोस ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. अध्यक्ष पद का चुनाव जनवरी महीने में हुआ था. नेताजी के इस्तीफे के पीछे उनकी महात्मा गांधी के साथ वैचारिक विरोध को कारण बताया जाता है. इसकी वजह से कई बार दोनों आमने-सामने भी हुए थे. यहां से सुभाषचंद्र बोस ने अलग राह पकड़ी और फिर उनकी कांग्रेस में वापसी नहीं हुई.

Also Read: Subhash Chandra Bose Jayanti 2023 Speech: सुभाष चंद्र बोस जयंती पर तैयार करें भाषण, स्पीच, स्लोगन

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें