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सीवान में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या हुई 7, आधा दर्जन से अधिक की हालत गंभीर

मृतकों और बीमार लोगों के परिजनों ने बताया कि सभी लोगों ने शनिवार की रात और रविवार को दिन में गांव में ही किसी दुकान से सफेद पॉलीथिन में पैक शराब को खरीद कर पिया था. इसके बाद अधिकांश लोगों को बेचैनी, सिर में दर्द, उल्टी तथा आंखों से धुंधला दिखने लगा.

सीवान जिले के लकड़ी नबीगंज प्रखंड के बाला और परौली गांव में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या बढ़कर सात हो गयी है, जबकि गंभीर रूप से बीमार सात लोगों को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इसमें से दो लोगों की आंख की रोशनी चली गयी है. इस मामले में पुलिस ने छापेमारी कर 16 आरोपितों को गिरफ्तार किया है. मृतक और बीमारों के परिजनों का कहना है कि इन लोगों ने शराब पी थी, उसके बाद से हालत खराब होने लगी. वहीं, जिला प्रशासन के अधिकारी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ बताने की बात कह रहे हैं.

डॉग स्क्वायड ने भी की जांच 

सोमवार की दोपहर एसडीओ संजय कुमार व एसडीपीओ पोलस्त कुमार के बसंतपुर थाने में पहुंचने के बाद एसपी शैलेश कुमार सिन्हा भी पहुंचे. थोड़ी देर बाद सारण के डीआइजी विकास कुमार व डीआइजी दलजीत सिंह ने भी वहां पहुंच कर घटना की पूरी जानकारी ली. बसंतपुर थाना पहुंचे सभी वरीय पुलिस पदाधिकारी शाम में बाला गांव के लिए मोबाइल फॉरेंसिक वैन के साथ रवाना हो गये. इधर, बाला गांव में डॉग स्क्वायड ने भी पहुंच कर जांच की.

शराब पीने के बाद आंखों से धुंधला दिखने लगा

मृतकों और बीमार लोगों के परिजनों ने बताया कि सभी लोगों ने शनिवार की रात और रविवार को दिन में गांव में ही किसी दुकान से सफेद पॉलीथिन में पैक शराब को खरीद कर पिया था. इसके बाद अधिकांश लोगों को बेचैनी, सिर में दर्द, उल्टी तथा आंखों से धुंधला दिखने लगा. लोगों ने बताया कि पुलिस की कार्रवाई के डर से ज्यादातर लोगों ने घर में ही छुपकर इलाज कराया. इसी दौरान नरेश रावत की मौत हो गयी, तो परिजनों ने पुलिस को खबर किये बिना ही दाह संस्कार कर दिया. इसके बाद जनक देव बीन की हालत बिगड़ गयी. परिजनों ने उसे लकड़ी नबीगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया. वहां से सदर अस्पताल जाने के दौरान जब उसकी मौत हो गयी, तो यह खबर पूरे जिले में फैल गयी.

माइक से प्रचार करा कर अस्पताल में भर्ती कराने की अपील

जिले के तमाम वरीय पदाधिकारी लकड़ी नबीगंज प्रखंड के बाला गांव पहुंचे तथा गांव में माइक से प्रचार करा कर बीमार लोगों को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराने की अपील की. इसके बाद लगभग आधा दर्जन लोगों को परिजनों ने लकड़ी नबीगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया, जहां से उन्हें सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. गंभीर रूप से बीमार राजेश प्रसाद, धूरेंद्र मांझी, जितेंद्र कुमार व राजू मांझी को पीएमसीएच रेफर किया गया, जिनकी मौत रास्ते में ही हो गयी. सोमवार की सुबह लछन देव राम की हालत गंभीर होने पर सदर अस्पताल रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया.

आंखों की जांच के लिए आइजीएमएस पटना रेफर

सदर अस्पताल के नेत्र सर्जन डॉ एमए अकबर ने कम दिखायी देने की शिकायत पर पांच मरीजों की आंखों की जांच की. इसमें पता चला कि दुलाम बीन व सुरेंद्र प्रसाद की आंखों की रोशनी चली गयी है. उन्होंने दोनों मरीजों को आंखों की जांच के लिए आइजीएमएस पटना रेफर किया है. हालत में सुधार होने के बाद दोनों मरीजों को वहां भेजा जायेगा.

मरने वालों का नाम

  1. जनक देव बीन

  2. नरेश रावत

  3. राजेश प्रसाद

  4. धुरेंद्र माझी

  5. जितेंद्र मांझी

  6. राजू मांझी

  7. लक्षन देव राम

गंभीर रूप से बीमार लोग

  1. लोरिक मांझी

  2. शंकर मांझी

  3. सुरेंद्र बिन

  4. जितेंद्र कुमार मांझी

  5. मुन्ना माझी

  6. सुरेंद्र प्रसाद

  7. दुलामबीन

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