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सुभाष चंद्र बोस बैठक के लिए जब भागलपुर आए, रिक्शा पर सवार होकर पहुंचे लाजपत पार्क, ऐसे दहाड़े थे नेताजी…

दो फरवरी 1940 को लाजपत पार्क, भागलपुर में फारवर्ड ब्लॉक की बैठक हुई थी. इस बैठक में शामिल होने नेताजी सुभाष चंद्र बोस भागलपुर आए. वो रिक्शे पर सवार होकर लापजत पार्क तक गए थे.

दीपक राव, भागलपुर

जब तक पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त नहीं हो जाती, तब तक देश किसी भी शर्त पर कोई समझौता बर्दाश्त नहीं करेगा. इसलिए वे नेताओं से ब्रिटिश सरकार के साथ कोई समझौता न करने की अपील करेंगे. देश लड़ाई के लिए तैयार है. उक्त बातें नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने लाजपत पार्क मैदान में हुई फारवर्ड ब्लॉक की सभा में जनता के लिए संदेश देते हुए कही थी. बिहार राज्य अभिलेखागार के अभिलेख में वर्णन किया गया है कि दो फरवरी 1940 को लाजपत पार्क, भागलपुर में फारवर्ड ब्लॉक की बैठक हुई थी.

नेताजी ने रिक्शा का इस्तेमाल किया

इस बैठक में जनता के नाम संदेश दिया था. नेताजी सुभाषचंद्र बोस के रिश्तेदार निरूपमकांति पाल ने बताया कि ढेबर गेट के समीप खरमनचक स्थित उनके आवास पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस आये थे. वहां से लाजपत पार्क तक जाने के लिए हाथ रिक्शा का इस्तेमाल किया गया था. उनकी तस्वीर यह सुरक्षित है. साथ ही जिस कुर्सी पर बैठे थे, उसे भी सुरक्षित रखा गया है.

60 बंगाली महिलाओं सहित 9000 लोग हुए थे शामिल

फारवर्ड ब्लाक की सभा शाम शाम 4.30 बजे शुरू हुई, जो लगभग एक घंटे 5.40 बजे तक हुई. इसमें 60 बंगाली महिलाओं सहित लगभग 9000 लोग शामिल हुए. सभा का शुभारंभ इंकलाब जिंदाबाद के नारों से हुआ. फिर सुभाषचंद्र बोस के जयकारों से चारों तरफ गूंज उठा. संथाल सिंह ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस का स्वागत करते हुए कहा कि उन्हें बहुत खुशी मिली कि उन्होंने बोस जैसे नेता का स्वागत किया.

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कम समय तक लोगों के बीच रहने से मांगी थी क्षमा

समय की कमी के कारण चार पेज का संदेश श्री बोस को सौंपा गया, जिसे पढ़ा नहीं गया. नेताजी ने कहा कि वे उनके भव्य स्वागत के लिए आभारी हैं. वह सबसे पहले उनके बीच पर्याप्त समय तक न रहने के लिए क्षमा याचना करेंगे. दरअसल जमालपुर और मुंगेर की बैठकों के लिए उनका पहले से ही नामांकन था और इसलिए वे वहां से सीधे जमालपुर जाएंगे. यही कारण था कि सभी स्वागत भाषणों को नहीं पढ़ा गया.

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