Lucknow: राजधानी लखनऊ के वजीर हसन रोड में अलाया अपार्टमेंट हादसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख अपनाया है. उनके निर्देश पर घटना की जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया है. तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की गई है.
इसमें मंडलायुक्त रोशन जैकब, लखनऊ के ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस पीयूष मोर्डिया और पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर शामिल किए गए हैं. यह कमेटी एक हफ्ते के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. कमेटी हादसे के जिम्मेदार लोगों को चिह्नित करेगी. इसके आधार पर कार्रवाई होगी. इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री मंगलवार से ही लगातार आला अफसरों से अपडेट ले रहे हैं. उनके निर्देश पर हादसे के तुरंत बाद शासन के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कराया. वहीं मुख्यमंत्री के कड़े रुख के बाद अब माना जा रहा है कि इस बार जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई होगी.
इस बीच हादसे में बुधवार को पहली मौत हो गई. पूर्व सपा नेता जीशान हैदर की मां को सुरक्षित निकालने के बाद तत्काल ऑक्सीजन दी गई. इसके बाद उन्हें सिविल अस्पताल ले जाया गया. लेकिन, कई घंटों से मलबे में दबे होने के कारण उनकी सेहत बिगड़ती चली गई और निधन हो गया. मामले में अब तक 15 लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है. सिविल अस्पताल में कल से लेकर आज तक 10 लोग भर्ती किए जा चुके हैं, जिनमें एक को डिस्चार्ज किया जा चुका है.
वहीं घटना को लेकर मंडलायुक्त रोशन जैकब ने लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को अपार्टमेंट के मालिक- मोहम्मद तारीक, नवाजिश शाहिद के साथ ही अपार्टमेंट का निर्माण कराने वाले यजदान बिल्डर पर तत्काल मुकदमा पंजीकृत कराने के निर्देश जारी कर दिए हैं. मंडलायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि यजदान बिल्डर्स के द्वारा बनाई गई अन्य इमारतों को भी चिह्नित कर जांच की जा रही है. अवैध निर्माण की स्थिति में तत्काल ध्वस्तीकरण कराया जाएगा.
मंडलायुक्त रोशन जैकब ने भी बुधवार को स्वीकार किया कि बिल्डिंग पूरी तरह से अवैध थी. इसके अलावा इसमें ग्रांडड फ्लोर पर गतिविधियां चल रही थीं. इस वजह से बिल्डिंग गिर गई. उन्होंने कहा कि नियमानुसार लखनऊ विकास प्राधिकरण के जिम्मेदारों को जब बिल्डिंग का निर्माण हो रहा था. तभी नक्शे को लेकर कदम उठाना चाहिए था. लेकिन, ऐसा नहीं किया गया. इसमें कड़ी कार्रवाई की जाएगी. किसी को बख्शा नहीं जाएगा.